मोह्हबत का सबसे कमज़ोर पहलु ये है कि
ये किसी घटिया इंसान के साथ भी हो सकती है
मोह्हबत का सबसे कमज़ोर पहलु ये है कि
ये किसी घटिया इंसान के साथ भी हो सकती है
कितनी खूबसूरत हो जाती है उस वक्त दुनिया
जब कोई अपना कहता है तुम याद आ रहे हो
मोहब्बत के हवाले से बहुत जालिम हो तुम ,
तोड़ देते हो मुझें अपने वादें की तरह
भीड़ में खड़ा होना मकसद नही है मेरा
बल्कि भीड़ जिसके लिए खड़ी है वो बनना है मुझे
जीने की तमन्ना तो बहुत है मुझे....
मगर कोई आता ही नहीं जिंदगी में जिंदगी बनकर....
बड़ी ही ताकत थी उनके अल्फ़ाज़ में यारों
पत्थर सा दिल मेरा पल भर में चूर कर दिया
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर
कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नही देता
सुकून मिलता है दो लफ़्ज़ों को कागज पर उतार कर
चीख भी लेते हे और आवाज भी नही आती
ज़रा देखना दरवाज़े पे कोई कुछ देने आया है
ज़ख्म हो तो रख लेना इश्क़ हो तो रफा दफा
🙏चले जाऐंगे तुझे तेरे हाल पर छोड कर, कदर क्या होती हे ये तुझे वक्त बता देगा। 🙏
काश तेरी याद़ों का खज़ाना बेच पाते हम
हमारी भी गिनती आज अमीरों में होती
G.R..s
हाल भी पूछा तो इन आँखों में आँसू आ गए
ज़िन्दगी के हादसे तस्वीर बन कर याद आ गए
वो जिधर देख रहे हैं सब उधर देख रहे हैं
हम तो बस देखने वालों की नजर देख रहे हैं
उसकी हर गलती माफ हो जाती है,
जब वो मुस्कुरा कर पुछती है
करवु छे आजे....?...😜
😜😜
जी तो चाहता है चीर के रख दूं तुझे ए दिल
न तूं रहे तुझमे और न मोहब्बत रहे मुजमे