ख्वाईशे कम पड गई तो ख्वाबो को जुटा दीया,
कुछ वो लुट गए कुछ हमने खुद लुटा दिया !
ख्वाईशे कम पड गई तो ख्वाबो को जुटा दीया,
कुछ वो लुट गए कुछ हमने खुद लुटा दिया !
बस तुम्हें पाने की तमन्ना नही रही
मोहब्बत तो आज भी तुम्हें बेसुमार करते है
ये बिखरे हुए हालात देख के लगता नहीं मेरे
के कितना ढूँढ़ा होगा तुझे जिन्दगी
वो छोटी छोटी उड़ानों पे गुरुर नहीं करता
जो परिंदा अपने लिये आसमान ढूँढ़ता है
तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे
उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है
शुबह हुई कि छेडने लगा है सूरज मुझको । कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो ।।
मेरे दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो
इंतज़ार उसका है जिसे मेरा एहसास तक नही
सुबह हुई कि छेडने लगा है सूरज मुझको । कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो ।।
मेरे दिल की हालत भी मेरे वतन
जैसी है...
जिसको दी हुकुमत उसी ने बर्बाद
किया...
एक स्टिंग मेरे दिल का भी हो जाता...
तुम्हें पता तो चलता, कितना प्यार है तुमसे❤
क्या मिला हमें सदियों कि मोहब्बत से
एक शायरी का हुनर और दुसरा जागने कि सज़ा
ऐ मोहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं
तू तो उसे ही मिलेगी जिसे तेरी परवाह नहीं
नरम नरम फूलों का रस निचोड़ लेती है
पत्थर के दिल होते है तितलियों के सीने में
मनुष्य की इच्छाओ में से यदि आधी भी पूर्ण
हो जाए तो उसकी मुसीबते दुगनी हो जाए