कहाँ चल दिए मुझको लिखना सीखा कर
कोई लिख रहा है तुमको याद करके

आखिर कैसे भुला दे हम उन्हें
मौत इंसानो को आती है यादो को नहीं

ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो दर्द की शिद्दत
दर्द तो दर्द होता हैं

मनाने का रिवाज़ उसकी किताब में नहीं था
मैं रूठा तो वो चली गयी ...!!!

ताकत के संग नेक इरादे भी रखना
वरना ऐसा क्या था जो रावण हार गया

ए खुदा मुझे प्यार उसी से हो जो
मुझे पाकर प्यार में पागल हो जाए

काश वो आज कसके गले लगा ले मुझे
बहुत थकान सी हो रही है रोते रोते

जो मैं रूठ जाऊँ तो तुम मना लेना,
कुछ न कहना बस सीने से लगा लेना।

शेरों को कहना नया शिकारी आया हैं,
या तो हुकूमत छोड़ दे या जीना..

ये तो कहिए इस ख़ता की क्या सज़ा
मैं जो कह दूँ आप पर मरता हूँ मैं

Attitude‬ तो बचपन से है
जब पैदा हुआ तो डेढ़ साल मैंने किसी से बात नही की

मंजिले कितनी भी ऊँची हो,
पर रास्ते हमेशा पैरो के नीचे होते है....

मेरे आँसुओ की गवाही ना लेना
तेरे ज़ुल्मो की कहानी बिखर जायेगी

दुशमन सामने आने से भी डरते थे . . .
और वो पगली दिल से खेल के चली गई....।

हमदर्दियाँ जनाब अब काटती हैं मुझे
खामखा मिज़ाज न पुछा करे कोई