अगर रुक जाये धड़कन तो इसे मौत न समझना
अक्सर होता है ऐसा तुझे याद करते करते

तेरे दिल तक पहुँचे मेरे लिखे हर लब्ज
बस इसी मकसद से मेरे हाथ कलम पकड़ते है

कौन कहता है दर्द सिर्फ महोब्बत में होता है
धुप में खड़ी बाइक पर बैठ कर देखो

मुहोब्बत नहीं थी उसे मुझसे ये जानता था मैं
फिर भी ये बात कहाँ मानता था मैं

सुकून मिलता है दो लफ्ज़ कागज पर उतार कर
चीख भी लेती हूँ और आवाज भी नहीं होती

झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता
मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने

हम ‪नवाब‬ इसलिए है क्यो कि हम ‎लोगो‬ पे नही
‎लोगो के‬ दिलो पे ‎राज‬ करते है

मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहतें
है
!
के जख्म ताजा रहें निशान चला जाये

शक ना कर मेरी मुहब्बत पर पगली
अगर मै सबूत देने पर आया तो तु बदनाम हो जायेगी

!!!...कल तुझसे बिछड़नेका फैसला कर लिया था...!!!!!!...आज
अपने ही दिल को रिश्वत दे रहा हूँ...!!!

हवा से कह दो कि खुद को आजमा के दिखाये बहुत
चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये

फिर वफायें भी करोगे तो कोई ना पूछेगा
ये सारे सितम मेरे मर जाने तक ही हैं बस

वफ़ा किसी पे फ़र्ज़ तो नहीं है लेकिन...
हो सके तो हमारी मुहब्बत की लाज रखना...!!!

मैं ज़िंदगी की दुआ माँगने लगा हूँ बहुत,
जो हो सके तो दुआओं को बेअसर कर दे।।

ना कोई हमदर्द था ना ही कोई दर्द था
फिर एक हमदर्द मिला उसी से सारा दर्द मिला