लिखा था राशि में आज खजाना मिल सकता हे
की अचानक गली में दोस्त पुराना दिख गया
लिखा था राशि में आज खजाना मिल सकता हे
की अचानक गली में दोस्त पुराना दिख गया
उज़ड़ जाते है सर से पाव तक वो लोग
जो किसी बेपरवाह से बेपनाह मोहब्बत करते है
मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का
बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ
कौन कहता है दर्द सिरफ मोहब्बत में मिलता है
धूप में खड़ी बाईक पर बैठ कर देखो
मेरी बहादुरी के किस्से मशहुर थे शहर में
तुझे खो देने के डर ने कायर बना दिया
सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा
जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है
जिंदगी में अपनापन तो हर कोई दिखाता है
पर अपना हैं कौन यह वक़्त ही बताता हैं
लिखा था राशि में आज खजाना मिल सकता हे
की अचानक गली में दोस्त पुराना दिख गया
बुलंदी तक पहुंचना चाहता हूँ मै भी
पर गलत राहो से होकर जाऊ इतनी जल्दी भी नही
कितनी खूबसूरत हो जाती है उस वक्त दुनिया
जब कोई अपना कहता है तुम याद आ रहे हो
मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी
अगर हमें बिकना ही होता तो आज यूँ तनहा न होते
जीने की तमन्ना तो बहुत है मुझे....
मगर कोई आता ही नहीं जिंदगी में जिंदगी बनकर....
मैंने उसे कभी हासिल ही नहीं किया
फिर भी हर लमहा लगता है कि मैंने उसे खो दिया
मोहब्बत के हवाले से बहुत जालिम हो तुम ,
तोड़ देते हो मुझें अपने वादें की तरह
ख्वाईशे कम पड गई तो ख्वाबो को जुटा दीया
कुछ वो लुट गए कुछ हमने खुद लुटा दिया