तू हमारी बराबरी क्या करेगी ए pagli
हम तो कूलर में भी Bisleri का पानी डालते है
तू हमारी बराबरी क्या करेगी ए pagli
हम तो कूलर में भी Bisleri का पानी डालते है
सुलूक-ए-बेवफाई तो हम भी कर सकते हे जान
पर तू रोये ये हमे गवारा नही ।
बेबस लाचार होना किसे कहते है
आस्था चैनल चल रहा हो और रिमोट खो जाये
इतने भी प्यारे नही हो तुम
ये तो मेरी चाहतों ने सर चढ़ा रखा है तुमको
उसने पूछा की क्या पसंद है तुम्हे..??
और मैं बहुत देर तक उसे देखती रही..!!
एक नींद है जो रात भर नहीं आती,
और एक नसीब है, जो ना जाने कब से सो रहा है..
क़ाश कोई ऐसा हो जो गले लगा कर कहे
तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है
दिल की उम्मीदों का हौंसला तो देखो
इंतजार उसका जिसको अहसास तक नहीं
अगर हम सुधर गये तो उनका क्या होगा
जिन्हें हमारे पागलपन से प्यार हे
वक्त के तराजू में अब किसे रखूँ
सांसों का हर रिश्ता वो तोड गया मुझसे
तुम्हारे पास ही होगा, जरा फिर से ढुंढो
मेरे सीने से दिल आखिर गया कहा
आखें मत फाड पगले Dil को आराम दे
मेरे फोटो को इतना मत देख Apni wali पे
घ्यान दे..
लगा के आग दिल में चले हो कहाँ हमदम
अभी तो राख उड़ने पे तमाशा और भी होगा
अब तक याद कर रही हो, पागल हो तुम.
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उसने तो तेरे बाद भी हजारों भुला दिय
निंदा तो उसी की होती है जो जिंदा है
मरे हुए कि तो बस तारीफ ही होती हैं