सुनो दुनिया कितनी छोटी है ना
तुम पे आ के रुक सी गयी है
सुनो दुनिया कितनी छोटी है ना
तुम पे आ के रुक सी गयी है
मै उन्हे बदला हुआ दिखता हुँ.....
कभी वो खुद को भी तो देखे ......
सबूत गूनाहो के होते हैं,
बेगुनाह मुहब्बत का क्या सबूत दू ?
तमाम उम्र चले उनके साथ हमसफर बनकर
फिर भी हर मोड़ पर एक फासला रहा
वो पूछते हैं क्या नाम है मेरा…
मैंने कहा बस अपना कहकर पुकार लो…!
मोहब्बत तो बेवजह हो जाती है....
वजहें तो नफ़रतों की तलाशी जाती हैं...!!
कदमो को रुकने का हुनर नहीं आया
सभी मंजिले निकल गयी पर घर नहीं आया
सिर्फ दो ही वक़्त पर तेरा साथ चाहिए
एक तो अभी और एक हमेंशा के लिये
मै बहता पानी हूँ।।
तुम मेरा रास्ता बदल सकते हो,
मेरी मंज़िल नही।
हमारा तो शौक है तलवार रखने का
बंन्दुक के लिए तो बच्चे भी जिद करते है
अभी शीशा हूँ सबकी आँखों में चुभता हूं
जब आईना बनूँगा सारा जहाँ देखेगा
तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है लोग पूछ लेते है..दवा का नाम क्या है !
कामयाब इंसान खुश रहे ना रहे ,
खुश रहने वाला इंसान कामयाब जरूर
होता है ।
न चाहते हुए भी उसे छोड़कर आना पड़ा
वो इम्तिहान में ना आने वाले सवाल जैसा था
ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है, सब कहते थे।
जिस दिन तुझे देखा, यकीन भी हो गया।