तुम सो जाओ अपनी दुनिया में आराम से,
मेरा अभी इस रात से कुछ हिसाब बाकी है.!!

मेरी काबिलियत को तुम क्या परखोगे ए गालिब
इतनी छोटी सी उमर मेँ ही लाखो दुश्मन बना रखे हैं

अकेले ही काटना है मुझे जिंदगी का सफर
पल दो पल साथ रहकर मेरी आदत ना खराब कर

धोखा देने के लिए शुक्रिया पगली कि
तु धोखा ना देती तो दुनिया समझ में ना आती

परेशानी में कोई सलाह मांगे तो सलाह के साथ अपना साथ भी देना
क्योकि सलाह गलत हो सकती है साथ नहीं

दिल तोड़ के जाने वाले सुन !
दो और भी रिश्तें बाक़ी हैं
एक सांस की डोरी अटकी है
एक प्रेम का बंधन बाक़ी है

कितना मुश्किल है मोहब्बत की कहानी लिखना,जैसे पानी पे पानी से पानी लिखना..

वो मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमें पा ना सकी
वरना जीत की क्या औकात जो हमें ठुकरा दे

जिस घाव से खून नहीं निकलता
समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है

दिल धोखे में है
और धोखेबाज दिल में है

इतने बदनाम हुए हम इस जमाने में
कि सदियाँ लग जायेंगी तुमकों हमें भुलानें में

दोपहर तक बिक गया बाजार का हर एक झूठ !
और में एक सच लेकर शाम तक बैठा ही रहा।

जिसकी किस्मत मे लिखा हो रोना दोस्तो.
वो मुस्कुरा भी दे तो आँसू निकल आते है..!

मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है
जिस दिन मेरी आँख ना खुली बेशक तुझे नींद से नफरत हो जायगी

जो वक्त पर पसीना नहीं बहाते
वो बाद मे आँसू बहाते है