टूटे ख्वाबों को जोड़ा नही जाता तुज़से रिश्ता अब भी तोड़ा नही जाता
पाना तुमको मुमकिन हे नही पर यह दिल मेरी सुनता ही नही

सफर लम्हा है दोस्त बनाते रहिए
दिल मिले या न मिले हाथ बढ़ाते रहिए
ताज ना बनाइये महंगा पड़ेगा
हर जगह मुमताज बनाते रहिए

दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है

उम्मीदों को टूटने मत देना; इस दोस्ती को कम होने मत देना; दोस्त मिलेंगे हमसे भी अच्छे पर; इस दोस्त की जगह किसी और को मत देना।

दोस्तों की कमी को पहचानते हैं हम; दुनिया के ग़मों को जानते हैं हम; आप जैसे दोस्तों के तो सहारे ही; हंसकर हर पल काटते हैं हम।

रिश्तों से बड़ी चाहत क्या होगी; दोस्ती से बड़ी इबादत क्या होगी; जिसे दोस्त मिल जाये आप जैसा; उसे ज़िंदगी से शिकायत क्या होगी।

तन्हा रहना सीख लिया हमने; पर खुश कभी ना हम रह पायेंगे; तेरी दूरी सहना सीख लिया हमने; पर तेरी दोस्ती के बिना जी नहीं पायेंगे।

अजनबी रिश्तों का नाम है दोस्ती; हर गम की दवा है दोस्ती; दोस्त बिछड़ जाए तो रोता है दिल; मगर दोस्ती टूट जाए तो रोती है जिंदगी।

तूफ़ान में बिखरते चले गए; तन्हाई की गहराईयों में उतरते चले गए; जन्नत थी हर शाम जिन दोस्तों के साथ; एक-एक कर सब दूर होते चले गए।

दोस्ती फूल नहीं जो मुरझा जाये; दोस्ती मौसम नहीं जो बदल जाये; दोस्ती तो धड़कन है जो चले तो सब कुछ है; और अगर न चले तो कुछ भी नहीं।

दोस्ती का हक़ हम अदा यूँ करते हैं; तेरे नाम पे जान भी फ़िदा करते हैं; तुझको फूल भी ज़ख्म ना दे पाएं; खुदा से हर दम यही दुआ करते हैं।

दोस्तों की कमी को पहचानते हैं हम; दुनिया के ग़मो को भी जानते हैं हम; आप जैसे दोस्तों के ही सहारे; आज भी हँस कर जीना जानते हैं हम।

दुआ करते हैं हम सर झुका के; आप अपनी मंज़िल को पाएं मेरे दोस्त; अगर आपकी राहों में कभी अँधेरा आये; तो रौशनी के लिए ख़ुदा हमको जलाए!

एक हसीन पल की ज़रूरत है हमें; बीते हुए कल की ज़रूरत है हमें; सारा ज़माना रूठ गया है हमसे; जो कभी ना रूठे ऐसे दोस्त की ज़रूरत है हमें।

दोस्ती किसी से यूँ निभा लो; कि उसके दिल के सारे ग़म चुरा लो; इतनी छाप छोड़ दो किसी पर दोस्ती की; कि खुदा भी हमें अपना दोस्त बना लो।