यकीन पे यकीन दिलाते हैं दोस्त; राह चलते को बेवकूफ बनाते हैं दोस्त; शरबत बोल के दारू पिलाते हैं दोस्त; पर कुछ भी कहो साले बहुत याद आते हैं दोस्त!

नब्ज़ मेरी देखी और बीमार लिख दिया; रोग मेरा उसने दोस्तों का प्यार लिख दिया; कर्ज़दार रहेंगे उम्र भर हम उस हकीम के; जिसने दोस्तों का साथ लिख दिया।

जान है मुझको ज़िन्दगी से प्यारी! जान के लिए कर दूं कुर्बान यारी! जान के लिए तोड़ दूं दोस्ती तुम्हारी! अब तुमसे क्या छुपाना तुम ही तो हो जान हमारी!

दोस्ती फूल से करोगे तो महक जाओगे; मदिरा से करोगे तो बहक जाओगे; सावन से करोगे तो भीग जाओगे; हमसे करोगे तो बिगड़ जाओगे; और नहीं करोगे तो किधर जाओगे।

दोस्ती के मायने हमसे क्या पूछते हो; हम तो अभी इन बातों से अनजान हैं! सिर्फ एक गुजारिश है कि भूल ना जाना हमें; क्योंकि आपकी दोस्ती ही हमारी जान है!

अगर तुम परीक्षा में पास हो जाते हो तो... माँ: कितनी ख़ुशी की बात है! बाप: मेरा बेटा शेर है! लवर: सो स्वीट! और... दोस्त: कुत्ते! कमीने! ज़लील! तू इतना कब पढ़ा?

तेरी दोस्ती में एक बहुत प्यार सा नशा है; तभी तो यह सारी दुनिया हमसे ख़फ़ा है; ना करो तुम हमसे इतनी दोस्ती; कि दिल ही हमसे पूछे बता तेरी धड़कन कहाँ है।

यकीन पे यकीन दिलाते हैं दोस्त; राह चलते को बेवकूफ बनाते हैं दोस्त; शरबत बोल कर दारू पिलाते हैं दोस्त; पर कुछ भी कहो साले बहुत याद आते हैं दोस्त।

दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना
क्योकी दोस्ती जरा सी नादान होती है

होठों पे उल्फ़त के फ़साने नहीं आते; जो बीत गए फिर वो ज़माने याद नहीं आते; दोस्त ही होते हैं दोस्तों के हमदर्द; कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते।

इस नाचीज दिल की गुस्ताखी तो देखो
चला है चाँद से इश्क को इज़हार करने
जिसकी रोशनी से रोश्न है पूरी दुनियाँ
इसी को चला है प्यार की रोशनी देने

दोस्ती इम्तिहान नहीं विश्वास मांगती है; नज़र और कुछ नहीं दोस्त का दीदार मांगती है; जिन्दगी अपने लिए कुछ भी नहीं; पर आपके लिए दुआएं हज़ार मांगती है!

दोस्ती कोई खोज नहीं होती; यह हर किसी से हर रोज नहीं होती; अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को बेवजह मत समझना; क्योंकि पलके कभी आँखों पर बोझ नहीं होती!

रिश्तों की ये दुनियाँ है निराली; सब रिश्तों से प्यारी है दोस्ती तुम्हारी; मंज़ूर है आँसू भी आँखों में हमारी; अगर आ जाए मुस्कान होठों पे तुम्हारी।

कौन कहता है दोस्त तुमसे हमारी जुदाई होगी; ये खबर किसी और ने उड़ाई होगी; शान से रहेंगे हम आपके दिल में; दोस्ती के इस खेल में हमने; कुछ तो जगह बनाई होगी!