इंसान ने एक बार खुदा से पूछा रिश्तों का असली मतलब क्या होता है? खुदा ने हंसकर कहा जो मतलब के लिए बनाया जाये वो रिश्ता नहीं होता है!

मन हमेशा पतन पाप की ओर जाता है; जल हमेशा ढाल की ओर बहता है! जल और मन का स्वभाव एक ही; जल यंत्र से ऊपर उठता है; और मन मन्त्र से ऊपर उठता है!

अगर किसी को कुछ देना है तो उसे अच्छा वक्त दो! क्योंकि आप हर चीज़ वापिस ले सकते हो; मगर किसी को दिया हुआ अच्छा वक्त वापिस नही ले सकते!

जब घर में धन और नाव में पानी आने लगे तो उसे दोनों हाथों से निकालें। ऐसा करने में बुद्धिमानी है हमें धन की अधिकता सुखी नहीं बनाती।

जीवन में ज़ख़्म बड़े नहीं होते हैं; उनको भरने वाले बड़े होते हैं; रिश्ते बड़े नहीं होते हैं; लेकिन रिश्तों को निभाने वाले बड़े होते हैं।

किसी को नजरों में ना बसाओ; क्योंकि नजरों में सिर्फ सपने बसते हैं; बसाना ही है तो दिल में बसाओ; क्योंकि दिल में सिर्फ अपने बसते हैं।

धन-समृद्धि से युक्त बड़े बड़े राज्यों के राजा-महाराजों की तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है जिसमे में ईश्वर का प्रेम भरा हो।

आपके पास जो कुछ भी है उसे बढ़ा चढ़ा कर मत बताओ और ना ही दूसरों से ईर्ष्या करो। जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती।

मांगो तो अपने रब से मांगो; जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत; लेकिन दुनिया से हरगिज़ मत माँगना; क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी।

मूर्खों से बहस करके कोई भी इंसान बुद्धिमान नहीं कहला सकता। मूर्ख पर विजय पाने का एकमात्र उपाय यही है कि उसकी और ध्यान ना दिया जाए।

अपने जीवन के हर बीते हुए दिन का शुक्रिया करना चाहिए; क्योंकि; अच्छे बीते हुए दिनों ने हमें ख़ुशी दी तो बुरे बीते हुए दिनों ने सबक दिए।

जिंदगी दो दिन की है! एक दिन आप के हक़ में और एक दिन आप के खिलाफ! जिस दिन हक़ में हो गरूर मत करना; और जिस दिन हक़ में हो थोड़ा सब्र जरूर करना!

जैसे विचार करेंगे वैसे आप हो जायेंगे अगर अपने आपको निर्भल मानेंगे तो आप निर्भल और यदि अपने आप को समर्थ मानेंगे तो समर्थ बन जायेंगे|

जिंदगी में कभी प्यार करने का मन हो तो अपने दुखों से प्यार करना; क्योंकि दुनिया का दस्तूर है कि जिसे जितना चाहोगे उसे उतना दूर पाओगे।

यदि कोई सिर्फ और सिर्फ मुझको देखता है और मेरी लीलाओं को सुनता है और खुद को सिर्फ मुझमें समर्पित करता है तो वह भगवान तक पंहुच जायेगा।