कौन कहता है कि हमारी जुदाई होगी; ये अफवाह किसी दुश्मन ने फैलाई होंगी; शान से रहेंगे आपके दिल में; इतने दिनों में कुछ तो जगह बनाई होगी।

तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है; एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है; पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम; जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है!

आँखों में आंसुओ को उभरने ना दिया​;​ मिट्टी के मोतियों को बिखरने ना दिया​;​​ जिस राह पे पड़े थे तेरे कदमो के निशान​;​​ उस राह से किसी को गुजरने ना दिया​।

तुम लौट के आने का तकल्लुफ मत करना; हम एक मोहब्बत को दो बार नहीं करते।

यूँ ही उम्मीद दिलाते हैं ज़माने वाले; कब लौट के आते हैं छोड़ कर जाने वाले।

मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का
बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ

जिंदगी के रूप में दो घूंट मिले
इक तेरे इश्क का पी चुके हैं दुसरा तेरी जुदाई का पी रहे हैं

हिम्मत इतनी तो नहीं मुझमे के तुझे दुनिया से छीन लूँ
लेकिन मेरे दिल से कोई तुझे निकाले
इतना हक तो मैंने खुद को भी नहीं दिया

जुबान खामोश आँखों में नमी होगी; ये बस दास्ताँ-ए-ज़िंदगी होगी; भरने को तो हर ज़ख्म भर जाएंगेः; कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी।

कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा; कोई सुनता नहीं यहां खुदा के सिवा; मैंने भी जिंदगी को बहुत करीब से देखा है; मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आंसुओं के सिवा।

तुम्ही आकर थाम लो ना मुझे
सब ने छोड़ दिया है मुझे तेरा समझकर

बुजदिली की मोहब्बत हमें मंज़ूर नहीं
कर लो वफ़ा या फिर हो जाओ दफा ..!!

यह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ पर; इस दिल का जो भी हाल तुझे देख कर हुआ।

हौंसला तुझ में न था मुझसे जुदा होने का; वरना काजल तेरी आँखों का न यूँ फैला होता।

अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ ख़लवत में; कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैंने।