तेरी आवाज़ की शहनाइयों से प्यार करते हैं; तस्सवुर में तेरे तन्हाईओं से प्यार करते हैं; जो मेरे नाम से तेरे नाम को जोड़ें ज़माने वाले; अब हम उन चर्चों से प्यार करते हैं।

आज तुम्हारी याद ने मुझे कुछ लिखने पर मज़बूर किया; ऐसा लगा जैसे तुम ने भी मुझे याद है ज़रूर किया; अगर थी मुझसे इतनी मोहब्बत तुमको ऐ सनम; तो फिर क्यों तुम ने मुझको खुद से है इतना दूर किया।

सदियों से जागी आँखों को एक बार सुलाने आ जाओ; माना कि तुमको प्यार नहीं नफ़रत ही जताने आ जाओ; जिस मोड़ पे हमको छोड़ गए हम बैठे अब तक सोच रहे; क्या भूल हुई क्यों जुदा हुए बस यह समझाने आ जाओ।

कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा; वो जो मिल गया उसे याद रख जो नहीं मिला उसे भूल जा; वो तेरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गई; दिल-ए-मुंतज़िर मेरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा।

कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा; वो जो मिल गया उसे याद रख जो नहीं मिला उसे भूल जा; वो तेरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गईं; दिल-ए-मुंतज़िर मेरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा। अनुवाद: दिल-ए-मुंतज़िर = इंतज़ार करने वाला दिल