यादों के भंवर में एक पल हमारा हो; खिलते चमन में एक गुल हमारा हो; जब याद करें आप अपने चाहने वालों को; उन नामों में बस एक नाम हमारा हो।
यादों के भंवर में एक पल हमारा हो; खिलते चमन में एक गुल हमारा हो; जब याद करें आप अपने चाहने वालों को; उन नामों में बस एक नाम हमारा हो।
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो; ना जाने कसी गली में ज़िन्दगी की शाम हो।
साला प्यार भी अजीब होता है
जिससे होता है उसको छोड़कर पुरे मोहल्ले को पता होता है
er kasz
तस्वीर बना कर आपकी आसमान में टांग आई हूँ
और लोग पूछ रहे हे की आज ये चाँद बेदाग़ कैसे...
तुम मुझे कभी दिल से कभी आँखों से पुकारो; ये होठों के तकल्लुफ तो ज़माने के लिए होते हैं!
चूमना क्या उसे आँखों से लगाना कैसा; फूल जो कोट से गिर जाये उठाना कैसा; अपने होंठों की हरारत से जगाओ मुझको; यूं सदाओं से दम-ए-सुबह जगाना कैसा!
आपसे रोज़ मिलने को दिल चाहता है; कुछ सुनने सुनाने को दिल चाहता है; था आपके मनाने का अंदाज़ ऐसा; कि फिर रूठ जाने को दिल चाहता है।
घर उसने क्या बनाया मस्जिद के सामने; चाहत ने उसकी हमें नमाजी बना दिया।
बिना मकसद बहुत मुश्किल है जीना;खुदा! आबाद रखना दुश्मनों को मेरे।
किताबों में हिसाब कहाँ रख सके हम अपना
घाटे की जिंदगी थी घाटे में ही गुज़र गई
जमाने गुजर गये हमे अमीर होते होते
वो बिक चुके थे जब तकखरीदने के काबिल हुए हम
उनके साथ जीने का एक मौका दे दे ऐ खुदा; तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे।
मैं उसकी ज़िंदगी से चला जाऊं यह उसकी दुआ थी; और उसकी हर दुआ पूरी हो यह मेरी दुआ थी।
मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा; किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे जो मौत तक वफा करे..
हज़ार चेहरों में उसकी झलक मिली मुझको; पर दिल की ज़िद्द थी अगर वो नहीं तो उस के जैसा भी नहीं।