यही बहुत है कि तूने पलट के देख लिया; ये लुत्फ़ भी मेरे अरमां से ज्यादा है।
यही बहुत है कि तूने पलट के देख लिया; ये लुत्फ़ भी मेरे अरमां से ज्यादा है।
ऐ खुदा मुसीबत मैं डाल दे मुझे
किसी ने बुरे वक़्त मैं आने का वादा किया है
पतंग सी हैं जिंदगी कहाँ तक जाएगी
रात हो या उम्र एक ना एक दिन कट ही जाएगी
काश कि वो लौट के आयें मुझसे ये कहने; कि तुम कौन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले।
ए खुदा किसी को किसी पर फ़िदा मत करना; और अगर करे तो फिर उन्हें जुदा मत करना।
मिले तो हजारो लोग थे ज़िन्दगी में; पर वो सब से अलग था जो किस्मत में नहीं था!
मैं ज़िंदगी की दुआ माँगने लगा हूँ बहुत
जो हो सके तो दुआओं को बेअसर कर दे
तु रहेगा न तेरे सितम रहेंगे बाकी; दिन तो आना है किसी रोज़ हिसाबों वाला।
मैं उसके हाथों का खिलौना ही सही; कुछ देर के लिए ही सही उसने मुझे चाहा तो है।
जिस चीज़ पे तू हाथ रखे वो चीज़ तेरी हो; और जिस से तू प्यार करे वो तक़दीर मेरी हो।
वो तरस जाएँगी प्यार की एक बूँद के लिए; मैं तो बादल हूँ किसी और पे बरस जाऊंगा।
करम ही करना है तुझको तो ये करम कर दे; मेरे खुदा तू मेरी ख्वाहिशों को कम कर दे।
कभी यूँ भी हो कि बाज़ी पलट जाए सारी; उसे याद सताए मेरी और मैं सुकून से सो जाऊं।
ख्वाहिश-ए-ज़िंदगी बस इतनी सी है अब मेरी; कि साथ तेरा हो और ज़िंदगी कभी खत्म न हो।
अजीब शख्स है नाराज हो के हंसता है; मैं चाहता हूं ख़फ़ा हो तो ख़फ़ा ही लगे...