सीधी होकर वह बहती है; उल्टी होकर वाह-वाह कहती है। बताओ क्या?

ऐसा कब होता है जब आप लाल पर चलते हो हरे पर रुक जाते हो?

लाल संत्री रंग है मेरा; आती हूँ मैं खाने के काम; सिर पर रहती हरियल चोटी; जल्दी बताओ मेरा नाम।

100 के छुट्टे करो जिसमें 10 का नोट ना हो और नोट सिर्फ 10 हों। अगर स्मार्ट हो तो जवाब दो वरना कल से टयूशन लगा लेना।

दिन में मरा रात को जिया; अब तो बूझो हूँ मैं क्या?

अरुण टीना के पिता हैं। तो अरुण टीना के पिता का क्या है?

एक तालाब रस भरा; बेल पड़ी लहराए; फूल खिला बेल पर; फूल बेल को खाए।

एक साथ आए दो भाई; बिन उनके दूर शहनाई; पीटो तब वह देते संगत; फिर आए महफ़िल में रंगत।

वो क्या है जो हमेशा बढ़ती है मगर कभी कम नहीं होती?

वो क्या है जो दो लोगों को बाँधता है पर छूता सिर्फ एक को है?

चार टांग की हूँ एक नारी छलनी सम मेरे छेद; पीड़ित को आराम मैं देती बतलाओ भैया यह भेद?

आना जाना उसको भाए; जिस घर जाए टुकड़े कर आए।

धूप देख मैं आ जाऊं; छाँव देख शरमा जाऊं; जब हवा करे मुझे स्पर्श; मैं उसमे समा जाऊं; बताओ क्या?

एक थाल उल्टा है पड़ा; चमकते मोतियों से है जड़ा।

वो क्या है जिसे आप बिना छुए तोड़ सकते हैं?