भिखारी नहीं पर पैसे मांगता हूँ; लड़की नहीं हूँ पर पर्स इस्तेमाल करता हूँ; रेफरी भी नहीं पर सीटी बजाता हूँ; बताओ कौन हूँ मैं?

आज हूँ तो कल नहीं; कल वाली नहीं परसों; फिर आऊंगी बाद महीना; बाट न देखें बरसों।

हरा हूँ पर पत्ता नहीं नकलची हूँ पर बंदर नहीं बूझो तो मेरा नाम सही।

ऐसा कौन सा काम है जो एक आदमी पूरे जीवन मे एक ही बार करता है और वही काम औरत हर रोज करती है?

काला है मेरा रूप; उड़ता हूँ मैं चाहे बारिश चाहे धूप; ना मैं पतंग ना कोई विमान; सुनकर मेरी वाणी सब बंद करें अपने कान।

जितना ज्यादा मैं बढूंगा उतना कम आप देख पाओगे। मैं क्या हूँ?

मध्य कटे तो बाण बने; आदि कटे तो गीला; तीनों अक्षर साथ रहें; तो पक्षी बने रंगीला।

ऐसा है यह अजब खजाना; मालिक इसका बड़ा सयाना; खूब लुटाए इसको वो; फिर भी खुश होता जाये वो।

ऐसी कौन सी चीज है जो है तो तुम्हारी पर उसे दूसरे लोग इस्तेमाल करते हैं?

मैं हूँ एक अनोखी रानी; पैरों से हूँ मैं पीती पानी; खुद को जलाकर अंधकार मैं दूर भगाऊं।

ऐसा क्या है जो हमेशा आता तो है पर पहुँचता कभी नहीं?

वो क्या है जिसकी आँखों में ऊँगली डालो तो अपना मुँह खोलती है और सब को काटती है?

पानी से निकला पेड़ एक; पात नहीं पर डाल अनेक; इस पेड़ की ठंडी छाया; बैठ के नीचे उसको पाया; बताओ क्या?

राजा महाराजाओं के ये कभी बहुत ही आया काम; संदेशा इसने पहुंचाया सुबह चाहे यां थी शाम; बतलाओ अब इसका नाम?

3 चींटियाँ एक साथ जा रही थी। आगे वाली चींटी बोली मेरे पीछे 2 चींटी पीछे वाली चींटी बोली मेरे आगे 2 चींटी पर बीच वाली चींटी बोली मेरे आगे भी 2 चींटी और मेरे पीछे भी 2 चींटी । बताओ कैसे?