तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना
हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है
तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना
हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है
ऐ सनम एक तेरी याद है जो लिपटी हुई है मुझसे
वरना मुरझाने के बाद तो फूलो से भी खुशबू जुदा हो जाती है
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये
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जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन
सके ll
अख़बार का भी अजीब खेल है सुबह अमीर के चाय का मजा बढाती है
और रात में गरीब के खाने की थाली बन जाती है
मुझे हाथ की रेखाओं पर इसीलिए विश्वास नहीं है
कैद ये मेरी मुठ्ठी में है क्या खोलेगी किस्मत मेरी
किसी शायर से कभी उसकी उदासी की
वजह पूछना
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दर्द को इतनी ख़ुशी से सुनाएगा की प्यार
हो जायेगा
इंसान को इंसान धोखा नहीं देता
बल्कि इंसान को उसकी उम्मीदें धोखा देती है जो वो दूसरों से रखता है
क्यूँ भटकते हो सरे राह बारिश का लुफ्त लेने को
कभी मेरी आँखों में ठहर के देखो ये बेइंतहा बरसती है
टूटे हुवे सपनो और रूठे हुवे अपनों ने आज उदास कर दिया
वरना लोग हमसे मुस्कराने का राज पुछा करते थे
मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योकि
मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का
मैं सहंम जाता हूँ किसी भी पायल की
आवाज सुनकर !
वो याद आता है जिस बैवफा ने पैरों से
दिल रोंदा था !!
हाल तो पुंछ लू तेरा ...
पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी.......!!
ज़ब ज़ब सुनी हैं .....
कमबख्त मोहब्बत ही हुई हैं ......!!
टूटे हुवे सपनो और रूठे हुवे अपनों ने आज उदास कर दिया
वरना लोग हमसे मुस्कराने का राज पुछा करते थे
तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा
वरना तू सुर्खियों में रहे तेरी इतनी औकात नहीं
G.R..s
मोबाइल पर whatsapp और facebook चलाते चलाते समझ आ गया
कि द्रोणाचार्य ने एकलव्य से अंगूठा मांगकर गलती नहीं की थी