ये जो चंद फुर्सत के लम्हे मिलते हैं जीने के लिए; मैं उन्हें भी तुम्हे सोचते हुए ही खर्च कर देता हूँ।

रात पूरी जाग कर गुजार दूं तुम्हारी खातिर
एक बार कह के तो देखो कि तुम्हे भी मेरे बिना नींद नहीं आती

हर तन्हा रात में इंतज़ार है उस शख़्स का
जो कभी कहा करता था तुमसे बात न करूँ तो रात भर नींद नहीं अाती

सोचते‬ हैं, जान‬ अपनी ‪ ‎उसे‬ मुफ्त ‎ही‬ दे दें‬,
इतने‬ मासूम ‪से‬ खरीदार‬ से ‪ ‎क्या‬ लेना ‪देना‬..

मुझे हराकर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे
मंजुर है ,,लेकिन धोखा देने वालों को मै
दुबारा मौका नही देता .

सिर्फ एक बार आओ हमारे दिल की सल्तनत में
अपना मुकाम देखने..
फिर लौटने का ईरादा हम तुम पर छोड़ देँगे.!!

क्या मंदिर क्या मस्जिद क्या गंगा की धार करे..
वो घर ही मंदिर जैसा है जिसमे औलाद माँ बाप का सत्कार करे

मेरे इश्क ने सीख ली है अब वक़्त की तकसीम... वो मुझे बहुत कम याद आता है; सिर्फ इतना...दिल की हर एक धड़कन के साथ!

अब तो सजाएं बन चुकीं है गुजरे हुए वक्त की
यादें ,
.
ना जानें क्यों मतलब के लिए मेहरबान होते
है लोग

गुफ्तगुँ करते रहा कीजिए,
यही इंसानी फितरत है।
वरना बंद मकानों में
अक्सर जाले लग जाते हैं...।
💕☝

लोग समजते हे की में तुम्हारे हुस्न पे मरता हूँ , अगर तुम भी यही समजते हो तो सुनो ; जब हुस्न खोदो तब लौट आना !!

जब जेब में रुपये हो तो दुनिया आपकी औकात देखती है
और जब जेब में रुपये न हो तो दुनिया अपनी औकात दिखाती है

मैने खुदा से पुछा कि क्यूँ तू हर बार छीन लेता है मेरी हर पसंद
वो हंस कर बोला मुझे भी पसंद है तेरी हर पसंद

फुर्सत नहीं इंसान को घर से
मंदिर तक आने की..
और,
ख्वाहिशे रखता है
शमशान से सीधा स्वर्ग
तक जाने की..!

तुम्हें जब कभी मिलें फ़ुर्सतें मेरे दिल से बोझ उतार दो
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो