निंदा तो उसी की होती है जो जिंदा है
मरे हुए कि तो बस तारीफ ही होती हैं

अब तक याद कर रही हो, पागल हो तुम.
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उसने तो तेरे बाद भी हजारों भुला दिय

जो ना समझ है वो ही मोहब्बत करता है
वो मोहब्बत ही क्या जो समझ में आ जाए

ये मासूमियत का कौन सा अन्दाज़ है,
पर काट कर कह दिया कि,अब तुम आजाद हो।

छोड़ दो किसी से वफा की आस ऐ दोस्त
जो रूला सकता हैं वो भुला भी सकता हैं

नीँद मे भी गिरते है मेरे आँसु,
जब भी तुम ख्वाब मे मेरा साथ छोड देते हो..

मौसम बदलते, बदलती ये परछाईया,
ना बदले कभी ये दोस्ती-यारियां…!!
🙏🙏🙏

में लखेलो दई गया,पोते लखेलो लई गया,
छे हजी संबंध के ए पत्र बदलावी गया..!!

चाहे दुश्मन मिलें चार या चार हजार सब
पर भारी पड़ेंगे मेरे जिगरी यार

हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये..
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही..

इतनी मनमानियाँ भी अच्छी नहीं होती
तुम सिर्फ अपने ही नहीं मेरे भी हो

यूँ ही मिट्टी से जुडा रहता है साया मेरा
इसको अपनी औकात भुलना नही आता

बुरे हैं ह़म तभी तो ज़ी रहे हैं
अच्छे होते तो द़ुनिया ज़ीने नही देती

वो आँखें झुक गयीं मुझे देख कर
यकीनन उसने कभी मुझे चाहा तो ज़रूर होगा

कोई ऐसा आइना बना दे मेरे मालिक
जिसमे चेहरा नही इंसान की औकात दिख जाए