मेरे दिल्ल की उम्मीद का जरा सा होंशला तो
देखो यारो.. !
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उम्र भर की इन्तजार की बात कर रहा जिसको
अहसास तक नही

ज़िंदगी में एक बात हमेशा याद रखना कि
सच्ची मोहब्बत पलट कर ज़रूर आती है
या तो Sorry बोलने या फ़िर शादी का कार्ड देने

सुखी होने के चक्कर में जो पूरी ज़िंदगी दुःखी रहता है
शायद उसी का नाम इन्सान है

लब पे शिकवा न ला अश्क पी ले जिस तरह भी हो कुछ देर जी ले
अब उखड़ने को है गम का डेरा किस के रोके रुका है सवेरा

वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे जैसे कोई गम छुपा रहे थे
बारिश में भीग के आये थे मिलने शायद वो आंसु छुपा रहे थे

हमारे हौसले को अपनी सोच से नापने की कोशिश न कर
क्यों की जहाँ पर तुम ख़त्म होते हो वहां से हम शुरू होते हैं

मिला है धोखा पूरा यकीं था उनके आँसुओं ने पर पैदा किया भ्रम था
भ्रम टूटा भी तो तब फिर जीना चाहने लगे थे जब

कब्र से मेरी लिपट क़र इस शिद्द्दत से किया गुनाह कबुल अपना
कि आसपास के मुरदे भी तडप उठै उसके हाथो कत्ल होने को

कभी तन्हाई कभी तड़प कभी बेबसी तो कभी इंतज़ार
ये मर्ज़ भी क्या खूब है जिसे इश्क़ कहते है

बहुत खुशनुमा कल की रात गुजरी है
कुछ तन्हा पर कुछ खास गुजरी है
ना नींद आई ना ख़्वाब कोई
बस आपकी ही खयालो के साथ गुजारी है

कौन कहता है कि सिर्फ मोहब्बत में ही
दर्द होता है, कमबख्त....
पेन्ट की चेन मे पपुडी आ जाये
तो भी जान निकल जाती है....
😂😂😝😝😜

इलाईची के दानों सा मुक़द्दर है अपना
महक उतनी ही बिखरी जितने पीसे गए

तुम्हें जब कभी मिलें फ़ुर्सतें मेरे दिल से बोझ उतार दो
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो

ज़िन्दगी में जब आये खुशियाँ तो उसे चखना तुम मिठाई की तरह
मुमकिन है गम भी आयेंगे यहाँ तो उसे भी कुबूल करना तुम दवाई की तरह

हमे सिंगल रेहने का शौक नही
हमारा तेवर झेल सके वो आज तक मिली नही