हम तो मौजूद थे रात में उजालों की तरह;
लोग निकले ही नहीं ढूंढने वालों की तरह;
दिल तो क्या हम रूह में भी उतर जाते;
उस ने चाहा ही नहीं चाहने वालों की तरह।
हम तो मौजूद थे रात में उजालों की तरह;
लोग निकले ही नहीं ढूंढने वालों की तरह;
दिल तो क्या हम रूह में भी उतर जाते;
उस ने चाहा ही नहीं चाहने वालों की तरह।
लङकियों को Limit में रहना चाहिए
बाकि Unlimited तो मेरा Net pack भी है
मेरे हर किस्से में तुम आते हो
पर मेरे हिस्से में कब आओगे
तेरी लवली eyes ने मुझपे जो effect किया है
मेने सब को reject कर के तुझे select किया है
जब भी मौका मिलेगा ना, तो ,, जिस्म पे नही सीधे घाव पर वार करुंगा..... ((मा कसम))
वो एक ख़त जो तूने कभी लिखा ही नहीं
मैं रोज़ बैठ के उसका ज़वाब लिखता हूँ
देख पगले Degree तो तूझे किसी भी College से मिल जाएगी
पर Knowledge तो तूझे मेरे Status से ही मिलेगी
लाजिमी नहीं की आपको आँखों से ही देखुं
आपको सोचना आपके दीदार से कम नहीं
ख़ता ये नहीं कि उसने भूला क्यों दिया
सवाल ये है कि वो मुझे अब याद क्यों है
कितनी झूठी है ना मोहब्बत की कसमे देखो ना
तुम भी जिन्दा हो मै भी जिन्दा हुँ
कटी पतंग का रूख़ तो था मेरे घर की तरफ
मगर उसे भी लूट लिया ऊंचे मकान वालों ने
अब तेरा नाम हथेलियों पर नहीं लिखते हम…
कारोबार में सबसे हाथ मिलाना पड़ता है।।