रिश्तों में सदा प्यार की मिठास रहे; कभी न मिटने वाला एक एहसास रहे; कहने को तो छोटी सी है यह जिंदगी; मगर दुआ है कि सदा आपका साथ रहे।

मशहूर होना पर कभी मगरूर न होना; कामयाबी के नशे में कभी चूर न होना; अगर मिल भी जाये सारी कायनात आपको; अपनों से फिर भी कभी दूर न होना।

जरूरी नहीं कि हर इंसान प्यार की मूरत हो; समुंदर और भी खुबसूरत हो; अच्छा तो वह इंसान होता है; जो तब आपके साथ हो; जब आपको उसकी जरुरत हो!

सब कहते हैं कि OPEN और CLOSE दो विपरीत शब्द हैं; लेकिन वास्तव में आप सबसे ज्यादा उसी व्यक्ति के सामने OPEN रहते हैं जिससे आप सबसे ज्यादा CLOSE हैं!

स्वार्थ से रिश्ते बनाने की कितनी भी कोशिश करो यह बनेगा नहीं और प्यार से बने रिश्ते को तोड़ने की कितनी भी कोशिश करो यह टूटेगा नहीं।

मैसेज एक मस्ती है; ये कॉल से सस्ती है; नींद को उड़ाती है; मन को बहलाती है; दिमाग को पकाती है; पर कुछ भी हो यार; एक दूसरे की याद तो दिलाती है।

मशहूर होना पर मगरूर ना होना; कामयाबी के लिए कभी चूर मत होना; मिल जायेगी आपको सारी कायनात यहीं पर; मगर इसके लिए कभी अपनों से दूर मत होना!

कोशिश करो कि कोई तुम से ना रूठे; ज़िंदगी में अपनों का कभी साथ ना छूटे; रिश्ता कोई भी हो उसे ऐसे निभाओ; कि उस रिश्ते की डोर ज़िंदगी भर ना टूटे।

ग़म में हँसने वालों को रुलाया नहीं जाता; लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता; होने वाले हो जाते हैं खुद ही अपने; किसी को कह कर अपना बनाया नहीं जाता।

कहते हैं हाथों की लकीरे अधूरी हो तो किस्मत में मोहब्बत नहीं होती। लेकिन सच तो ये है कि हाथों में हो कोई पराया हाथ तो किस्मत की भी जरुरत नहीं होती।

सभी लोग तो कभी अच्छे नहीं रहते; जिनसे सच सीखा है वो भी सच्चे नहीं रहते; क्यों ऐसा होता है ऐतबार की टूटी देहलीज़ पर; जो बहुत अपने हैं अक्सर अपने नहीं रहते।

करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे; दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे; रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियान इतनी; कि टूट जाये उम्मीद मगर रिश्ते बरक़रार रहें।

आजकल बाजारों में बिकते हैं रिश्ते; जब तक जरुरत हो तभी तक टिकते हैं रिश्ते; अब तो लाभ-हानि के पलड़ो में तुलते हैं रिश्ते; लेकिन न जाने क्यों अब भी लोग बुनते हैं रिश्ते।

शायर-ए-फ़ितरत हूँ मैं जब फ़िक्र फ़र्माता हूँ; तो रूह बन कर ज़र्रे-ज़र्रे में समा जाता हूँ; आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ; जैसे हर शै में किसी शै की कमी पाता हूँ।

एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं; वरना मोहब्बत और नफरत एक ही दिल से होती है।