अपने दिल की बात उनसे कह नहीं सकते; यह मीठा सा दर्द अब सह नहीं सकते; अये खुदा ऐसी तकदीर बना; कि वो हमसे खुद आकर कहें हम आपके बिना रह नहीं सकते !

जिंदगी में कुछ दोस्त खास बन गये; मिले तो मुलाकात और बिछड़े तो याद बन गये; कुछ दोस्त धीरे-धीरे फिसलते चले गये; पर जो दिल से ना गये वो आप बन गये।

जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें; ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें।

पानी से तस्वीर कहाँ बनती है; ख्वाबों से तकदीर कहाँ बनती है; किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ; क्योंकि ये ज़िन्दगी फिर वापस कहाँ मिलती है।

दुनिया में याद बड़ी खास होती है; जो दूर हैं उनके दिल के पास होती है; याद करने के लिए वजह जरूरी नहीं; लेकिन याद तो दो लोगों के बीच का एहसास होती है!

जहाँ याद न आये वो तन्हाई किस काम की; बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की; बेशक अपनी मंजिल तक जाना है; पर जहाँ से अपने न दिखें वो उंचाई किस काम की।

केवल उन पर भरोसा करें जो आप में निम्न तीन बातें देख सकें: आपकी हंसी के पीछे का दर्द। आपके गुस्से के पीछे का प्यार। आपकी ख़ामोशी के पीछे का कारण।

दिल से बने रिश्तों का नाम नहीं होता; इनका कभी भी निरर्थक अंजाम नहीं होता; अगर निभाने का हो जज्बा दोनों तरफ; तो ये पाक रिश्ता कभी बदनाम नहीं होता।

तुम आए ज़िंदगी में कहानी बनकर; तुम आए ज़िंदगी में रात कि चाँदनी बन कर; बसा लेते हैं जिन्हें हम आँखों में; वो अक्सर निकल जाते हैं आँखों से पानी बनकर।

खामोश चेहरे पर हज़ारों पहरे होते हैं; हँसती आँखों में भी ज़ख़्म गहरे होते हैं; जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम; असल में उनसे ही तो रिश्ते और गहरे होते हैं।

प्यार करने वालों की किस्मत ख़राब होती है; हर वक़्त दुःख की घड़ी साथ होती है; वक़्त मिले तो रिश्तों की किताब पढ़ लेना; दोस्ती हर रिश्ते से लाज़वाब होती है।

रिश्तों की ही दुनिया में अक्सर ऐसा होता है; दिल से इन्हें निभाने वाला ही रोता है; झुकना पड़े तो झुक जाना अपनों के लिए; क्योंकि हर रिश्ता एक नाजुक समझौता होता है।

दौलत की भूख ऐसी की कि कमाने निकल गए; दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए; बच्चों के साथ रहने की फुर्सत ना मिल सकी और जब फुर्सत मिली तो बच्चे खुद ही दौलत कमाने निकल गए!

दो चार लोगों से रिश्ते बनाये रखिये; कब्र तक लाश को दौलत नहीं ले जाया करती।

अकसर वही रिश्ता लाजवाब होता है जो ज़माने से नहीं ज़ज़्बातों से जन्मा होता है।