कह दो ज़माने से किसी रिश्ते में न बांधे हमको; हम साथ रहेंगे मगर दरिया के दो किनारे बनकर!

अगर दो लोगों में कभी लड़ाई न हो तो समझ लेना कि रिश्ता दिल से नहीं दिमाग से निभाया जा रहा है!

झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ सुबह और शाम मैं; सच बोलने की अदा ने हमसे कई अजीज़ यार छीन लिये।

एक जरा सी बात पर इतना अहम रिश्ता तोड़ दिया। . .. ... मूँगफली में दाना नहीं; हम तुम्हारे नाना नहीं।

कह दो समुंदर से कि लहरों को संभालकर रखें; जिंदगी में तूफान लाने के लिए मेरे अपने ही काफी हैं!

कह दो समुंदर से कि लहरों को संभालकर रखें; जिंदगी में तूफान लाने के लिए मेरे अपने ही काफी हैं!

रिश्ते बर्फ़ के गोले जैसे होते हैं। जिनको बनाना तो सरल है; लेकिन बनाकर रखना बहुत मुश्किल है।

ज़िंदगी की इस कश्मकश में वैसे तो मै भी बहुत उलझा हूँ लेकिन वक़्त का बहाना बना कर अपनों को भूल जाना मुझे आज भी नही आता।

हर रिश्ते को अजमाया है हमने; कुछ पाया पर बहुत गवाया है हमने; हर उस शख्स ने रुलाया है; जिसे भी हमने इस दिल में बसाया है।

इस शहर में हमारा कौन हैं; हर कोई अपनों से बेगाना क्यों हैं; सब तरफ फैली मायूसी बेबसी तन्हाई; यहाँ दिल का सहारा कौन हैं।

शाम के बाद मिलती है रात; हर बात में समाई हुई है तेरी याद; बहुत तनहा होती ये जिंदगी; अगर नहीं मिलता जो आपका साथ। शुभ रात्रि!

जो कोई समझ न सके वो बात हैं हम; जो ढल के नयी सुबह लाये वो रात हैं हम; छोड़ देते हैं लोग रिश्ते बनाकर; जो कभी न छूटे वो साथ हैं हम।

दूर होने से रिश्ते नहीं टूटते; और ना ही पास आने से जुड़ते हैं; ये तो दिलों के एक बंधन हैं; इसलिए हम आपको और आप हमें नहीं भूलते!

कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो; कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो; रिश्ते तो मिलते हैं मुक़द्दर से; बस उन्हें खूबसूरती से निभाना सीखो।

कुछ मीठे पल याद आते हैं; पलकों पर आँसू छोड़ जाते हैं; कल कोई और मिल जाये तो हमें न भूलना; क्योंकि कुछ रिश्ते उम्र भर काम आते हैं।