चाहे सबके अच्छे दिन आ जाएँ
पर गोलगप्पे और रिक्शे वाले के कभी अच्छे दिन नहीं आयेंगे
वो लडकियोँ के वो भईया थे भईया है और भईया ही रहेंगे

सगंमरमर की तारीफ ना कर मुझसे , तू कहे तो आँसुओं से मोहब्बत
लिख दूँ ।
चूमने के लिए झुक जायेगा ताजमहल भी , जिस जमीँ पर तेरा नाम
लिख दूँ।।

तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे;
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे;
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो;
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।

महक होती तो तितलियाँ जरूर आती,
कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती,
कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है,
मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती..!!

तेरी बे रुखी को भी रुतवा दिया मैने..
प्यार का हर फर्ज अदा किया हमने..
मत सोच के हम भूल गये है तुझको...
हर एक दर्द मे तुझे महसूस किया है हमने...

जिंदगी जीता हुँ खुली किताब की तरह ना कोई फरेब ना कोई लालच
मगर मे हर बाजी खेलता हूँ बीना देखे क्योंकि ना मुझे हारने का गम ना जीतने का जश्न

आज उसे एहसास मेरी मोहब्बत का हुआ
शहर में जब चर्चा मेरी शोहरत का हुआ
नाम नहीं लेती मुझे अब जान कहती है
देखो कितना असर उस पर दौलत का हुआ

कल रात # मौत आयी थी .... गुस्से मेँ
बोली
जान ले लुंगी चौधरी ,,
मैने भी हँसते हुऐ कह दिया..
# जिस्म ले जाओ ,,
जान तो एक प्यारी सी # जाटनी ले
गयी....||

हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे
किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा
हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे

सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको

लम्हा लम्हा सांसें ख़तम हो रही हैं; ज़िंदगी मौत के पहलू में सो रही है; उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह; वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है।

उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है
उनसे कह नही पाना हमारी मजबूरी है
वो क्यूँ नही समझते हमारी खामोशी को
क्या प्यार का इज़हार करना जरूरी है

फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने; उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने; वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी; समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।

कोई रिश्ता नया या पुराना नहीं होता,
जिन्दगी का हर पल सुहाना कितना होता,
जुदा होना तो किस्मत की बात है
पर जुदाई का मतलब भूलाना नहीं होता..

ज़िंदगी से बस यही एक गिला है; ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है; हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के; पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है।