प्यार का तोफा हर किसी को नहीँ मिलता,
ये वो फूल है जो हर बाग मे नही खिलता,
इस फुल को कभी टूटने मत देना,
क्योकि टूटा हुआँ फुल वापीस नहीँ खिलता.

घांव इतना गहरा है बयां क्या करे
हम खुद निशाना बन गये अब वार क्या करे
जान निकल गयी मगर खुली रही आंखें
अब इससे ज्यादा उनका इंतजार क्या करे

वो निकल गए मेरे रास्ते से इस कदर कि; जैसे कि वो मुझे पहचानते ही नहीं; कितने ज़ख्म खाए हैं मेरे इस दिल ने; फिर भी हम उस बेवफ़ा को बेवफ़ा मानते ही नहीं।

जिए हुए लम्हों को ज़िन्दगी कहते हैं
जो दिल को सुकून दे उसे ख़ुशी कहते हैं
जिसके होने की ख़ुशी से ज़िन्दगी मिले
ऐसे रिश्ते को दोस्ती कहते हैं

दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना
क्योकि दोस्ती जरा सी नादान होती है

जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ; मेरी आंखें एक दस्तक दे देती हैं; दुःख ये नहीं कि वो दरवाजा बंद कर देते है; खुशी ये है कि वो मुझे अब भी पहचान लेते हैं।

अध्यापिका (छात्र से)- तुम लेट क्यों आये? स्कूल 7 बजे शुरु होता है फिर देर क्यों की?
छात्र - मैम आप मेरी इतनी फिक्र मत किया करो लोग गलत समझते हैं।
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मुझे उसके पहलू में आश्यिाना ना मिला
उसकी जुलफों छाओं में ठिकाना ना मिला
कह दिया उसने मुझको बेवफा
जब मुझको छोडने का उसे कोई बहाना ना मिला

~ ‪#‎औकात‬ की बात मत कर पगली
जितनी तेरे # बाप की एक # महीने की सैलेरी है ना
उतनी तो मेरी # नौकरानी की एक # दिन की ‪#‎टिप‬
है
सैलेरी की तो बात ही छोड़!

वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो
मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया करो
तेरी महोब्त में हम सब कुछ खो बैठे
जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो

मैं उसके हाँथों में था टूटे हुए शीशे की तरह
बड़ी उम्मीद थी कि वो बिखरने नहीं देगा
बस गिराया कुछ इस तरह से उसने मुझे
कि फिर सिमटने की आस न रही

वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो,
मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया करो,
तेरी महोब्त में हम सब कुछ खो बैठे,
जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो..!

वक़्त के पन्नो को पलट कर कुछ याद आता है .
वो गुज़रा कल जिसे दिल चाहता है
कभी बिताये थे लम्हे साथ मिलकर ,
आज उन दोस्तों को देखने को दिल तरस जाता है

​समझ जाते थे हम उनके दिल की हर बात ​को​;​ ​और ​वो हमें हर बार ​धोखा देते थे​;​ लेकिन हम भी मजबूर थे दिल के हाथों​;​ जो उन्हें बार​-​बार मौका देते थे​।

जीना चाहता हूँ मगर जिदगी राज़ नहीं आती
मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती
उदास हु इस जिनदगी से
क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती