काँच का तोहफा ना देना कभी रूठ कर लोग तोड दिया करते हैं
जो बहुत अच्छे हो उनसे प्यार मत करना अकसर अच्छे लोग ही दिल तोड दिया करते है

कोई दिखा कर रोये कोई छुपा कर रोये
हमें रुलाने वाले हमें रुला कर रोये
मरने का मज़ा तो तभी है यारो
जब कातिल भी जनाज़े पर आकर रोये

किसी के अच्छाई का इतना भी फायदा मत उठाओ की
वो बुरा बनने के लिये मजबुर बन जाये
बुरा हमेशा वही बनता हे जो अच्छा बनके टूट चूका होता हे

सपनो से दिल लगाने की आदत नहीं रही
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही
ये सोच के की कोई मनाने नहीं आएगा
हमें रूठ जाने की आदत नहीं रही

वो पगली आज बरसो बाद मिली तो गले लगकर खूब रोई में हल्का सा मुस्कुराया
और बोला तुम वही होना जिसने कहा था तुम्हारे जैसे तो हजारो मिलेंगे

हम अपना दर्द किसी को कहते नही
वो सोचते हैं की हम तन्हाई सहते नही
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे
क्योकि सूखे हुवे दरिया कभी बहते नही

इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिदंगी
हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले है
सुना है जिदंगी इम्तहान लेती है
यहाँ तो इम्तहानों ने जिदंगी ले रखी है

तुज़से दोस्ती करने का हिसाब ना आया मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया
हम तो जागते रहे तेरे ही ख़यालो मे और तुझे सो कर भी हमारा ख्वाब ना आया

रिश्ते खून के नहीं होते, रिश्ते एहसास के होते हैं
अगर एहसास हो तो अजनबी भी अपने होते हैं
और अगर एहसास ना हो तो अपने भी अजनबी हो जाते हैं

राहो में निकले तो रास्ता विरान था; एक तरफ़ आबादी एक तरफ़ कब्रिस्तान था; हर वीरान कब्र का यहीं बयान था; देख के चल मुसाफ़िर कभी मैं भी इन्सान था।

आज उसे एहसास मेरी मोहब्बत का हुआ
शहर में जब चर्चा मेरी शोहरत का हुआ
नाम नहीं लेती मुझे अब जान कहती है
देखो कितना असर उस पर दौलत का हुआ

कभी खामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है तड़पने क लिए सिर्फ़ यादे रह जाती है
क्या फ़र्क पड़ता है दिल हो या काग़ज़ जलने क बाद सिर्फ़ राख रह जाता है

इस कदर हम यार को मनाने निकले
उसकी चाहत के हम दीवाने निकले
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा
तो उसके होठों से वक़्त ना होने के बहाने निकले

संगे मरमर की तू बात न कर मुझसे..!!
मैं अगर चाहूँ तो एहसास-ऐ-मोहब्बत लिख
दु..!!
ताज महल भी झूक जाएगा चूमने के लिए...!!
में जो एक पथर पे
“Tera Naam " लिखदु....!!

हम पर जो गुजरी है क्या तुम सुन पाओगे
नाजुक सा दिल रखते हो रोने लग जाओगे
बहुत दुख दिए हैँ तकदीर और दोस्तो ने बैठो मेरे पास मोहब्बत भूल जाओगे