आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम;
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम;
जिसको जितना याद करते हैं; उसे भी उतना याद आयें हम!

सजा देने वाले रजा पूछते हैं
जीने की हमसे वजह पूछते हैं
देते है खुद ही ज़हर हमको आकर..
फिर कितना हुआ है असर पूछते है

बचपन में पिताजी के बटुए में हमेशा मेरी जरूरतों से ज्यादा पैसे रहते थे
ये कारनामा मैं कभी अपने बटुए से नहीं दिखा पाया

,,, हमारे बिगड़ने का आलम क्या बताये ग़ालिब
पहले घर जाते वक़्त "PARLE G" खाते हुए जाते थे, और अब "बाबा इलाइची" खा के जाना पड़ता है😎😎😎

अगर आप किसी कों धोका देने में कामयाब हो गए
तो ये मत समजना की आप कितने चालाक है
ये सोचना की वो आप पर कितना विश्वास करता था

अजीब था उनका अलविदा कहना सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं
बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नही

वो पास आते तो हम बात कर लेते
वो साथ रहते तो हम प्यार कर लेते
क्या मजबूरी रही जो वो चले गऐ
वजह तो बताते हम इन्तजार कर लेते

वक्त नूर को बेनूर कर देता है छोटे से जख्म को नासूर कर देता है
कौन चाहता है अपने से दूर होना लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है

ना सोचा था जिनके लिए हम मर मिटे
एक दिन वही हमसे दूर हो जाएँगे
जीने की तमन्ना तो हम भी रखते थे
अब तेरे बिना कैसे जी पाएगे…

बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो
मंजिल को पाने की कसक रहने दो
आप चाहे रहो नज़रों से दूर
पर मेरी आँखों में अपनी एक झलक रहने दो

ना तंग करो इतना, हम सताऐ हुऐ हैं
महोब्बत का गम दिल पे उठाऐ हुऐ हैं
खिलौना समझ कर हम से ना खेलो
हम भी उसी खुदा के बनाऐ हुऐ हैं

एक शराब की दुकान मे लिखी कुछ
सच्ची लाईन "
तुम किसी लडकी से सच्चा प्यार करते हो
तो,
तुमहे एक दिन मुझसे भी प्यार हो जायेगा...!!!

मेरी कबर पे वो रोने आये हैं
हम से प्यार है ये कहने आये हैं
जब ज़िंदा थे तो रुलाया बहुत
अब आराम से सोये हैं तो जगाने आये हैं।
=RPS

क्या करूँगा उसका इंतज़ार करके जब चली गई वो मुझे बर्बाद करके
सोचा था अपना भी एक जहाँ होगा मगर मिली सिर्फ तन्हाई उसे प्यार करके

ऐ दोस्त जब भी तू उदास होगा, मेरा ख्याल तेरे पास होगा, दिल की गहराईयों से जब भी करोगे याद हमें , तुम्हे हमारे करीब होने का एहसास होगा..