कोई दिखा कर रोये
कोई छुपा कर रोये
हमें रुलाने वाले हमें रुला कर रोये
मरने का मज़ा तो तभी है यारो
जब कातिल भी जनाज़े पर आकर रोये

दामाद उम्र में छोटा होता है फिरभी ससुराल मे सभी उसे आप कहके बुलाते है
क्योंकि हमारे देश मे शहीदों का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है

कोई सहारा नहीं दुआ के सिवा
कोई सुनता नीं खुदा के सिवा
मैने भी जिन्दगी को करीब से देखा है
मुश्किलों में कोई साथ नहीं खुदा के सिवा

हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर
वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर
कल वो कह गये भुला दो हुमको
हमने पुछा कैसे
वो चले गये हाथो मे जाम देकर

जिन्दगी में कभी मायूस ना होना दिल रोऐ मगर आँखों से ना रोना
हस्ती है दुनियाँ दिल पर जख्म देकर खुदा के वास्ते किसी को अपना दिल ना देना

तेरे चेहरे को कभी भुला नहीं सकता
तेरी यादों को भी दबा नहीं सकता
आखिर में मेरी जान चली जायेगी
मगर दिल में किसी और को बसा नहीं सकता

मेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करना; भूल जाना मेरा ख्याल ना करना; हम तेरी ख़ुशी के लिए कफ़न ओढ़ लेंगे; पर तुम मेरी लाश से कोई सवाल मत करना!

चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली

लोग अपना बना के छोड़ देते हैं अपनों से रिशता तोड़ कर गैरों से जोड़ लेते हैं
हम तो एक फूल ना तोड़ सके नाजाने लोग दिल कैसे तोड़ देते हैं

तमन्ना जब किसी की नाकाम होती है
जिन्दगी उस की एक उदास शाम होती है
दिल के साथ दौलत ना हो जिस के पास
महोब्बत उस गरीब की निलाम होती है

एक नूर सा आज मेरे देश पे बरस्ता है; जिसे देख आसमां भी तरसता है; सूरज भी इस बात से हैरां है कि आज; भारत मेरे जैसा कैसे चमकता है। शुभ दीपावली!

उनकी महोब्बत के अभी निशान बाकी है
नाम लब पर है और जान बाकी है
क्या हुआ अगर देख कर मुँह फेर लेते है
तसल्ली है की शकल की पहचान बाकी है

एय मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर
उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ
एय हवा तू भी उसे छुवा ना कर

एय मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर
उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ
एय हवा तू भी उसे छुवा ना कर

आसमां में मत ढूँढ अपने सपनों को
सपनों के लिए तो ज़मीं जरूरी है
सब कुछ मिल जाये तो जीने का क्या मजा
जीने के लिए कुछ कमी भी तो जरूरी है..