रात को रात का तोफा नहीं देते
दिल को जजबात का तोफा नहीं देते
देने को तो हम आप को चाँद भी दे दे
मगर चाँद को चाँद का तोफा नहीं देते

वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था
खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था
महोब्बत में नफरत मिली थी उसे भी
जो हर शकस को बेवफा लिख रहा था

मुहब्बत में किसी का इंतजार मत करना
हो सके तो किसी से प्यार मत करना
कुछ नहीं मिलता मुहब्बत कर के
खुद कि ज़िन्दगी बेकार मत करना

एक दिन जब हम दुनिया से चले जायेंगे
मत सोचना आपको भूल जायेंगे
बस एक बार आसमान की तरफ देख लेना
मेरे आँसू बारिश बनके बरस आयेंगे

जो लोग एक तरफा प्यार करते है अपनी ज़िन्दगी को खुद बर्बाद करते है
नहीं मिलता बिना नसीब के कुछ भी फिर भी लोग खुद पर अत्याचार करते है

अजीब था उनका अलविदा कहना,
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं,
बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में,
की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नही..!
#sam

तेरे चेहरे को कभी भुला नहीं सकता तेरी यादों को भी दबा नहीं सकता
आखिर में मेरी जान चली जायेगी मगर दिल में किसी और को बसा नहीं सकता

फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में; फर्क होता है किस्मत और लकीर में; अगर कुछ चाहो और ना मिले; तो समझ लेना कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में।

आँसू आ जाते है रोने से पहले
ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले
लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है
काश कोई रोक लेते यह गुनाह होने से पहले

जीना है मोहब्बत अपनी आँखों को बनकर ये ज़ुबान कितने अफ़साने सुना लेते है
जिनको जीना है मोहब्बत के लिए अपनी हस्ती को मिटा लेते है

उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो; जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो; इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते है; इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो।

प्यार वो हम को बेपनाह कर गये फिर ज़िनदगीं में हम को
तन्नहा कर गये चाहत थी उनके इश्क में फ़नाह होने की पर वो लौट कर आने को भी मना कर गये

बीत गया है जो साल भूल जाइये; इस नए साल को पूरे मन से गले लगाइये; मांगते हैं दुआ हम रब से सर झुका कर; नए साल के सारे सपने पूरे हो जाए आपके।

कभी आंसू तो कभी ख़ुशी देखी
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी
उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें
हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी

आज करीब से गुज़र कर गई है
अनदाज-बे-नाम कर गई है
मईय्यत पर मेरी रुक कर अनजान बन गई है
पुछती है लोगों से ये किस की मईय्यत सजाई गई है