आरजू-ऐ-सफर का जब हमने इरादा किया
साथ चलने का उसने वादा किया,
कुछ उसको रास ना आई वफा की बातें,
कुछ ऐतबार हमनें भी ज्यादा किया

ये तो जिन्दगी की कशमकस में थोड़ा उलझ गए हैं दोस्तो,
वर्ना…
हम तो उनमें से है,
जो दुश्मनों को भी अकेला महसूस नहीं होने देते…!

कभी आंसू तो कभी ख़ुशी देखी हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी
उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी

आज हम उनको बेवफा बताकर आए है
उनके खतो को पानी में बहाकर आए है
कोई निकाल न ले उन्हें पानी से
इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए है

कसूर ना उनका है ना मेरा
हम दोनो रिश्तों की रसमें निभाते रहे
वो दोस्ती का ऐहसास जताते रहे
हम महोब्बत को दिल में छुपाते रहे

ज़िंदगी के लिए जान ज़रूरी है
पाने के लिए अरमान ज़रूरी है
हमारे पास चाहे हो कितना ही गम
पर आपके चेहरे पर मुस्कान ज़रूरी है

वो वक्त वो लम्हे अजीब होंगे दुनियाँ में हम खुश नशीब होंगे
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको क्या हाल होगा जब आप हमारे करीब होगे

वो वक्त वो लम्हे अजीब होंगे दुनियाँ में हम खुश नशीब होंगे
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको क्या हाल होगा जब आप हमारे करीब होगे

वो समझे ना समझे हमारे जज़बात को हम मानेगे उनकी हर बात को
हम चले जाऐंगे एक दिन इस दुनियाँ को छोडकर वो आँसुओं से रोऐंगे हर रात को

उनकी नजर को फुर्सत ना मिली होगी
वरना मेरा मर्ज इतना ला-इलाज ना था
हमने तो वहाँ भी महोब्बत ही की
जहाँ महोब्बत का रिवाज ना था

इस बहते दर्द को मत रोको
ये तो सज़ा है किसी के इंतेज़ार की
लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी
पर ये तो निशानी हैं किसी के प्यार की

ना कर यु दीवानगी ऐ दीवाने आशीक
इश्क ने बहुतो का दील तोडा है
मत भुल वो घडी तेरे दर्द की
इस इश्क ने पेहले भी तेरा साथ छोडा है....💔

हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर
कल वो कह गये भुला दो हुमको हमने पुछा कैसे वो चले गये हाथो मे जाम देकर

मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती
मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती
सब जानते है मैं नशा नही करता
मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती

उसकी बाते बार बार याद कर के रोई
उसके लिए रब से फरियाद करके रोई
उसकी खुशी के लिए छोड दिया उसे
फिर उसी की कमी का ऐहसास कर के रोई