मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मारने से नहीं चुकती
इसलिए होंशियार रहें बहुत मीठा बोलने वाले भी हनी नहीं हानि दे सकते है

अमल से भी माँगा वफा से भी माँगा
तुझे मैने तेरी रजा से भी माँगा
ना कुछ हो सका तो दुआ से भी माँगा
कसम है खुदा की खुदा से भी माँगा

एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जाएँगे हर एक रिश्ता इस ज़मीन से तोड़े जाएँगे
जितना जी चाहे सतालो यारो एक दिन रुलाते हुए सबको छोड़ जाएँगे

अजीब था उनका अलविदा कहना,
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं,
बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में,
की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीँ

जरुरी नहीं कि इंसान प्यार की मूरत हो, सुंदर और बेहद खूबसूरत हो, अच्छा तो वही इंसान होता है, जो तब आपके साथ हो, जब आपको उसकी जरुरत हो।

रेत पर नाम कभी लिखते नहीं
रेत पर नाम कभी टिकते नहीं
लोग कहते है कि हम पत्थर दिल हैं
लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं

जरुरी नहीं कि इंसान प्यार की मूरत हो सुंदर और बेहद खूबसूरत हो
अच्छा तो वही इंसान होता है जो तब आपके साथ हो जब आपको उसकी जरुरत हो

ना मुस्कुराने को जी चाहता है
ना आंसू बहाने को जी चाहता है
लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में
बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है

फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में; फर्क होता है किस्मत और लकीर में; अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना; कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में।

जिनकी याद में हम दीवाने हो गए वो हम ही से बेगाने हो गए
शायद उन्हें तालाश है अब नये प्यार की क्यूंकि उनकी नज़र में हम पुराने हो गए

यार ने दिल का हाल बताना छोड़ दिया
हमने भी गहराई में जाना छोड़ दिया
जब उसे ही दूर का अहसास नहीं
तो हमने भी अहसास दिलाना छोड़ दिया

तेरी आवाज़ तेरे रूप की पहचान है
तेरे दिल की धड़कन में दिल की जान है
ना सुनूं जिस दिन तेरी बातें
लगता है उस रोज़ ये जिस्म बेजान है

तेरी आवाज़ तेरे रूप की पहचान है
तेरे दिल की धड़कन में दिल की जान है
ना सुनूं जिस दिन तेरी बातें
लगता है उस रोज़ ये जिस्म बेजान है

वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था
खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था
महोब्बत में नफरत मिली थी उसे भी
जो हर शकस को बेवफा लिख रहा था

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है
दिल ना चाह कर भी खामोश रह जाता है
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है
कोई कुछ ना कहकर भी सब बोल जाता है