दूरियाँ बढ़ाने को जब दिल मचलने लगे
किसी और का साथ रास आने लगे
तन्हाई में ठहर कर तलाशना मुझे
जब भी हर ओर अँधेरा सा छाने लगे.

कितनी बुरी लगती है ज़िंदगी
जब हम तन्हा महसूस करते हैं,
मरने के बाद मिलते हैं चार कंधे
और जीते जी हम एक के लिए तरसते हैं
=RPS

एक अजीब सा मंजर नज़र आता है
हर एक आँसु समंदर नज़र आता है
कहाँ रखू मैं शीशे सा दिल अपना
हर किसी के हाथ में पत्थर नज़र आता है

दिल दर्द के सागर मे डूब गया
मगर इन आँखो से रोया ना गया
इतना प्यार था इस दिल में उसके लिए
की उसके बगैर कबर में भी सोया ना गया

चाँद से कहो चमकना छोङ दे
सितारोँ से कहो टिमटिमाना छोङ दे
तुम मुझसे मिलने नहीँ आती तो
अपनी यादोँ से कहो मुझे सताना छोङ दे

दिल से दिल की दूरी नहीं होती काश कोई मज़बूरी नहीं होती
आपसे अभी मिलाने की तमन्ना है लेकिन कहते हैं हर तमन्ना पुरी नहीं होती

जब आप किसी से रूठ कर नफ़रत से बात करो
और फिर भी वो उसका जवाब मोहब्बत से दे
तो समझ जाना की वो आपको खुद से ज़्यादा प्यार करता है

आपके पास वक्त नहीं हमें याद करने का
बेवक्त ही याद कर लिया करो
माना आपके पास सारी दुनिया है
कभी हमारा भी एहसास कर लिया करो

किताब पढना सीखने की उम्र में बाप के
माथे पर खिंची चिंता की लकीरें पढने लगा
दुनिया मजदूर की उस औलाद को आज
भी अनपढ़ समझती है

आरजू-ऐ-सफर का जब हमने इरादा किया
साथ चलने का उसने वादा किया
कुछ उसको रास ना आई वफा की बातें
कुछ ऐतबार हमनें भी ज्यादा किया

एक दिन हमारे आंसू हमसे पूछ बैठे
हमे रोज-रोज क्यों बुलाते हो
हमने कहा हम याद तो उन्हें करते हैं
न जाने तुम क्यों चले आते हो

अपनी बेबसी पे आज रोना सा आया गैरों को नहीं हमने अपनो को आजमाया
हर किसी की तनहाई को दूर किया लेकिन खुद को हर मोड पर तन्हां पाया

बेजान चीज़ो को बदनाम करने के तरीके कितने आसान होते है
लोग सुनते है छुप छुप के बाते
और कहते है के दीवारो को भी कान होते हैं
Er kasz

काश वो समझते इस दिल की तड़प को
तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता
उनकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें
बस एक बार हमें समझ लिया होता

काश वो समझते इस दिल की तड़प को
तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता
उनकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें
बस एक बार हमें समझ लिया होता