जिसने हमको चाहा उसे हम चाह न सके
जिसको चाहा उसे हम पा न सके
यह समजलो दिल टूटने का खेल है
किसी का तोडा और अपना बचा न सके

क्या हूँ मैं और क्या समझते है
सब राज़ नहीं होते बताने वाले
कभी तनहाइयों में आकर देखना
कैसे रोते है सबको हसाने वाले

दुनिया में धोखा आम बात है।
अब सूरज को ही देख लो
आता है किरण के साथ

रहता है रोशनी के साथ
और जाता है संध्या के साथ।

अगर हंसने मुस्कुराने के लिये आप ईश्वर का शुक्र नहीं करते
तो आँखों मे आये आँसुओं के लिये उससे शिकायत का कोई हक़ नहीं है

दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है

वो दिन दिन नही वो रात रात नही
वो पल पल नही जिस पल आपकी बात नही
आपकी यादो से मौत हमे अलग कर सके
मौत की भी इतनी भी औकात नही

मौत के बाद आ रहा है कोई
मेरी कबर से मिट्टी उठा रहा है कोई
ऐ खुदा दो पल की जिन्दगी ओर दे दे
मेही कबर से उदास जा रहा है कोई

ए तुफां तु ले ले मेरा इम्तिहां; यहीं डटा हूं यहीं डटा रहूंगा; आजमा ले तु अपनी ताकत जी भर के; तेरा हौंसला मैं झुका के रहूँगा।

जो दिल का दर्द भुलाने के लिए शराब पीते है वो कभी साथ में नमकीन नही खाते
क्योंकि नमकीन तो दिलासा देने वाले ही खा जाते हैं

तन्हाई में भी कहते है लोग
जरा महफ़िल में जिया करो
पैमाना लेके बिठा देते है मैखाने में
और कहते है जरा तुम कम पिया करो

अपनो को दूर होते देखा सपनो को चूर होते देखा
अरे लोग कहते हैँ कि फूल कभी रोते नही हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा

बहता पानी ही पत्थरों पर निशान छोड़ता है
पर पत्थर पानी पर कोई निशान नहीं छोड़ता है
इसलिए कहते हैं चलने का नाम ज़िन्दगी है

रातें गुमनाम होती है दिन किसिके नाम होता है
हम ज़िंदगी कुछ इस तरह जीते है
की हर लम्हा सिर्फ़ दोस्तों के ही नाम होता है

तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके
तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी और हम थे की इंकार न कर सके

तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके
तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी और हम थे की इंकार न कर सके