करूं न याद उसे मगर किस तरह भुलाऊं उसे; ग़ज़ल बहाना करूं और गुनगुनाऊं उसे।
करूं न याद उसे मगर किस तरह भुलाऊं उसे; ग़ज़ल बहाना करूं और गुनगुनाऊं उसे।
ना मेरा प्यार कम हूवा ना उस की नफ़रत,
अपना अपना फ़र्ज़ था दोनो अदा कर गये.
बाल सफेद करने में जिंदगी निकल जाती हैं !
काले तो आधे घंटे में हो जाते हैं !!
तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने,
हमें इश्क का शौक है, आवारगी का नही..
दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया; जब चली सर्द हवा मैंने तुझे याद किया।
“नसीब का लिखा तो मील ही जायेगा,
या रब,
देना हे तो वो दे जो तकदीर मे ना हो”..!!!
कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी
हजारो अपने है मगर याद तुम ही आते हो
खफा रहने का शोक भी पूरा कर लो तुम
लगता है तुम्हे हम ज़िंदा अच्छे नहीं लगते
मुझसे अगर पूछना है तो मेरे जज्बात पूछ,
जात और औकात तो सारी दुनिया को पता ह
कहानी खत्म हो तो कुछ ऐसे खत्म हो,
कि लोग रोने लगे, तालियाँ बजाते बजाते..
दुनिया की सारी गंदी आदते रखता हूँ
लेकिन किसी को धोखा देना नही सीखा
अगर प्यार करती हो तो आ सामने,,
यु छीप छीप कर स्टेटस
पढने का मतलब क्या हैं?
अगर आप को वक़्त का पता नहीं चल रहा है
तो इसका मतलब आप का वक़्त अच्छा चल रहा है
कभी भी ख़ुशी मे शायरी नहीं लिखी जाती है ये वो धुन है जो दिल टूटने पर बनती है....!!
"ऐसा कोई शहर नही जहा हमारा कहर नहीँ..,
ऐसी कोई
गली नही जहा हमारी चली नहीं.."