तुम्हारी यादों में मेरा अक्स झिलमिलाता होगा; तुम्हारी बातों में मेरा ज़िक्र भी आता होगा; लाख मशरूफ रहो तुम कहीं भी लेकिन; अक्सर मेरा ख्याल तुम्हें भी सताता होगा।
तुम्हारी यादों में मेरा अक्स झिलमिलाता होगा; तुम्हारी बातों में मेरा ज़िक्र भी आता होगा; लाख मशरूफ रहो तुम कहीं भी लेकिन; अक्सर मेरा ख्याल तुम्हें भी सताता होगा।
समंदर के सफर में इस तरह आवाज़ दे हमको; हवाएं तेज़ हो जायें और कश्तियों में शाम हो जाये; उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दे; ना जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाये।
मैंने कोशिश के बाद उसे भुला दिया;उसकी यादों को सीने से मिटा दिया;एक दिन फिर उसका पैगाम आया;लिखा था मुझे भूल जाओ और;मुझे हर लम्हा फिर याद दिला दिया।
समंदर के सफर में इस तरह आवाज़ दो हमको; हवाएं तेज़ हो जायें और कश्तियों में शाम हो जाये; उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो; ना जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये।
कोई नहीं डांटता किसी को मुझ पर प्यार नहीं आता
अब वो स्कूल जाने के नाम पर बुखार नहीं आता
सुबह सुबह आ जाते थे खेलने के लिए बुलानेअब
तो मिलने को भी कोई यार नहीं आता
उनसे मिलने को जो सोचों अब वो ज़माना नहीं; घर भी कैसे जाऊं अब तो कोई बहाना नहीं; मुझे याद रखना कहीं तुम भुला न देना; माना के बरसों से तेरी गली में आना-जाना नहीं।
उसकी आदत पड़ गई है मुझे जो छुड़ाए नही छुटती; खुद धुंधला पड़ गया हूँ मैं उसे याद करते-करते; अब उसे न सोचू तो जिस्म टूटने सा लगता है; एक वक़्त गुजरा है उसके नाम का नशा करते-करते।
किसी ने मुझसे पुछा की :
"तुम इतने खुश कैसे
रेह लेते हो…??"
तो मेने कहा :-
"मैनें ज़िन्दगी की गाड़ी
से वो साइड ग्लास
ही हटा दिया,
जिसमे पीछे छूटे रास्ते नज़र आते हैं..!
ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा; मैं खुद तन्हा रहा मगर दिल को तन्हा नहीं रखा; तुम्हारी चाहतों के फूल तो महफूज़ रखे हैं; तुम्हारी नफरतों की पीड़ को ज़िंदा नहीं रखा!
दुनिया में कोई किसी के लिए कुछ नहीं करता; मरने वाले के साथ हर कोई नहीं मरता; अरे…मरने की बात तो दूर रही; यहाँ तो जिंदगी है फिर भी कोई याद नहीं करता; वेलेंटाइन डे की शुभकामनाए!
एक जुर्म हुआ है हम से एक यार बना बैठे हैं; कुछ अपना उसको समझ कर सब राज़ बता बैठे हैं; फिर उसकी प्यार की राह में दिल और जान गवा बैठे हैं; वो याद बहुत आते हैं जो हुमको भुला बैठे हैं।
याद आती है तुम्हारी तो सिहर जाता हूँ मैं; देख कर साया तुम्हारा अब तो डर जाता हूँ मैं; अब न पाने की तमन्ना है न है खोने का डर; जाने क्यूँ अपनी ही चाहत से मुकर जाता हूँ मैं।
उस #इंसान पर भरोसा करें जो आपके अंदर तीन बातें जान सके. . .
1- आपकी मुस्कुराहट के पीछे छिपा दुःख।
2- आपके गुस्से के पीछे छिपा प्यार।
3- आपके चुप रहने के पीछे का कारण।
"जो आपकी खामोशी से
आपकी तकलीफ का अंदाजा ना
कर सके,
उसके सामने जुबान से तकलीफ
बयान करना लफ्जों को जाया करना है।"