महक होती तो तितलियाँ जरूर आती,
कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती,
कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है,
मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती..!!

तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे;
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे;
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो;
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।

​आप से जब से हमारी यारी हो गई;​​दुनिया और भी हमारी प्यारी हो गई;​इस से पहले हम किसी भी चीज के आदी न थे;​​​पर अब आप को याद करने की बीमारी हो गई।

छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह, कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे;
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह, कि होश भी आने की इजाज़त मांगे!

याद रूकती नहीं रोक पाने से; दिल मानता नहीं किसी के समझाने से; रुक जाती हैं धड़कनें आपके भूल जाने से; इसलिए आपको याद करते हैं जीने के बहाने से।

कोई प्यार पाने की ज़िद्द में है; शायद कोई आज़माने की ज़िद्द में है; मुझे जिस की याद आती है इतनी शिद्दत से; शायद वो मुझ से दूर जाने की ज़िद्द में है।

ना में तुम्हे खोना चाहता हूँ ना तेरी याद में रोना चाहता हूँ जब तक ज़िन्दगी है मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा बस यही बात तुमसे कहना चाहता हूँ.

सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा; सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा; ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे; सारी महफ़िल भुल गये बस वह चेहरा याद रहा!

​कब्र के सन्नाटे में से एक आवाज़ आयी; किसी ने फूल रख के आंसूं की दो बूंद बहायी; जब तक था जिंदा तब तक ठोकर खायी; अब सो रहा हूं तो उसको मेरी याद आयी।

वो रूठे इस कदर की मनाया ना गया; दूर इतने हो गए कि पास बुलाया ना गया; दिल तो दिल था कोई समंदर का साहिल नहीं; लिख दिया था जो नाम वो फिर मिटाया ना गया!

यकीन अपनी चाहत का इतना है मुझे; मेरी आँखों में देखोगे और लौट आओगे; मेरी यादों के समंदर में जो डूब गए तुम; कहीं जाना भी चाहोगे तो जा नहीं पाओगे।

कुछ लोग भूल कर भी भुलाये नहीं जाते; ऐतबार इतना है कि आजमाये नहीं जाते; हो जाते हैं दिल में इस तरह शामिल कि; उनके ख्याल दिल से मिटाये नहीं जाते।

हवा के झोंकों का हिसाब क्या रखना
जो निकल जाए वक्त उसे याद क्या रखना
बस यही सोच कर हंसता हूं मैं
के अपने गमों से दुनिया को उदास क्या रखना

जब से तेरी चाहत अपनी ज़िन्दगी बना ली है! हम ने उदास रहने की आदत बना ली है! हर दिन हर रात गुजरती है तेरी याद में! तेरी याद हमने अपनी इबादत बना ली है!

हर वक़्त तेरी यादें तड़पाती हैं मुझे; आखिर इतना क्यों ये सताती है मुझे; इश्क तो किया था तूने भी गर्व से; तो यही एहसास क्यों नहीं दिलाती है तुझे।