प्रेम तब तक सिर्फ एक शब्द भर है
जब तक आप इसका
अहसास नहीं कर लेते।

तमाम लोग मेरे साथ थे मगर मैं तो....
तमाम उम्र तुम्हारी कमी के साथ रहा....

यह कौन राह दिखाकर चला गया मुझको; मैं जिंदगी में भला किसके काम आया था।

सिकंदर तो हम अपनी मर्जी से हें,
पर हम दुनिया नहीं दिल जीतने आये हें..

कुछ अलग सा है हमारी मोहब्बत का हाल,
तेरी चुप्पी और मेरे ख़ामोश सवाल...!!

हजार गम मेरी फितरत नही बदल सकते
क्या करू मुझे आदत हे मुस्कुराने की

बस एक ख़्वाहिशें ही तो बस में मेरे,
वरना लकीरों पर मेरा ज़ोर कहाँ ।।

इश्क का धंधा ही बंद कर दिया साहेब
मुनाफे में जेब जले और घाटे में दिल

आखें मत फाड पगले Dil को आराम दे
मेरे फोटो को इतना मत देख Apni wali पे
घ्यान दे..

दर्द ऐ महोबत तो हमने भी बहुत की,
पर भुल गये थे की HEROIN कभी
VILLAIN की नही होती...!!

उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।

न आह सुने दी न तड़प दिखाई दी..
फ़ना हो गए तेरे इश्क में बड़ी ख़ामोशी के साथ..!

यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे

काबील नजरो के लीये हम जान दे दे पर
कोई गुरुर से देखे ये हमे मंजुर नही

हम जा रहे हैं वहां जहाँ दिल की क़दर हो
बैठे रहो तुम अपनी अदाएं लिए हुए