गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा इत्मीनान तो रख
जब ख़ुशी ही ना ठहरी तो ग़म की क्या औकात है।
गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा इत्मीनान तो रख
जब ख़ुशी ही ना ठहरी तो ग़म की क्या औकात है।
जिनकी शायरियों में ददँ हौता हे ,वो शायरनही किसी बेवफा का दीवाना होता है "
💔💔💔💔💔💔
उस दिन भि काहा था और आज भि सून ले
सिरफ उमर ही छोटी है लेकिन सलाम सारी दुनिया ठोकती है
इतना आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाता हूँ
शायद तुमने ही पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे
ज़माने से लड़ी तूने ज़ंग कोई जब जब मैं तेरे साथ खड़ी थी तब तब
खुद मैं तुझ संग ज़ंग लड़ूं कैस
यूं भी तो राज़ खुल ही जायेगा मोहब्बत का ,
मेहफिल में जो हमारे सिवा सबको सलाम करते हो !
इरादा कत्ल का था तो मेरा सर कलम कर देते
क्यू इश्क मे डाल कर तुने हर साँस पर मौत लिख दी
मालूम नहीं क्यूँ मगर कभी-कभी
अल्फाजों से ज्यादा मुझे तेरा नाम लिखना अच्छा लगता है
तुझे क्या लगा तु मुझे छोड कर चली जाएगी तो मैं मर जाऊंगा
अरे पगली लडकी है तु OxyGeN नहीं
N.K.G
जरा बताओ तो किसे गुरुर है अपनी दौलत पर
चलो उसे बादशाहों से भरा कब्रस्तान दिखाता हु
देख ली ना मेरे आँसू की ताकत तुमने
रात मेरी आँखें नम थी
.
आज तेरा सारा शहर भीगा हैं ..
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना
न वफा का जिकर होगा
न वफा की बात होगी,
अब मोहब्बत जिससे भी होगी
शादी के बाद ही होगी...
आज कुछ नही है मेरे शब्दों के गुलदस्ते में....
कभी-कभी मेरी ख़ामोशियाँ भी पढ़ लिया करो....
तुम न लगा पाओगे अंदाजा मेरी बर्बादियों का
तुमने देखा ही कहा है मुझे शाम होने के बाद