गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा इत्मीनान तो रख
जब ख़ुशी ही ना ठहरी तो ग़म की क्या औकात है।

सीने पे तीर खाके भी अगर कोई मुस्कुरा दे तो......
निशाना लाख अच्छा हो मगर बेकार जाता है.......!!!

उसने हर नशा सामने लाकर रख दिया और कहा
सबसे बुरी लत कौनसी है मैंने कहा तेरे प्यार की..

ये अच्छा उसने मेरे कतल का तरीका ईजाद किया; मर जाता मैं हिचकियो से इतना मुझे याद किया।

यूं भी तो राज़ खुल ही जायेगा मोहब्बत का ,
मेहफिल में जो हमारे सिवा सबको सलाम करते हो !

एक तेरी ख़ामोशी जला देती है इस पागल दिल को; बाकी तो सब बातें अच्छी हैं तेरी तस्वीर में।

कहानी बन के जियें हैं; वो दिल के आशियानों में! हमको भी लगेगी सदियाँ; उन्हें भुलाने में!

रिश्वत भी नहीं लेती कम्बख्त जान छोड़ने
की….!
ये तेरी याद मुझे बहुत ईमानदार लगती है.

देख ली ना मेरे आँसू की ताकत तुमने
रात मेरी आँखें नम थी
.
आज तेरा सारा शहर भीगा हैं ..

न तो अनपढ़ रहा और न ही क़ाबिल हुआ मैं
ख़ामखा ए ज़िन्दगी तेरे स्कूल में दाख़िल हुआ मैं

जाने क्यूँ अपने हुस्न पर इतना गुरूर है उसे लगता है
उसका आधार कार्ड अब तक नहीं बना है

वो ‪महफिल‬ में अपनी ‎वफ़ा‬ का जिक्र कर रही थी,
जब नजर ‪मुझ‬ पर पड़ी तो बात ही ‪बदल‬ दी

हंसने की इच्छा ना हो तो भी हसना पड़ता है
कोई जब पूछे कैसे हो तो मजे में हूँ कहना पड़ता है

शायरी से ज्यादा प्यार मुझे कहीं नही मिला..
ये सिर्फ वही बोलती है, जो मेरा दिल कहता है…

बड़ी तब्दीलियां लायें हैं हम अपने आप में; पर तुम्हारी याद में रहने की आदत अब भी बाकी है।