इंसान की फितरत को समझते हैं ये परिंदे,
कितनी भी मोहब्बत से बुलाना मगर पास नहीं आयेंगे
इंसान की फितरत को समझते हैं ये परिंदे,
कितनी भी मोहब्बत से बुलाना मगर पास नहीं आयेंगे
मिले अगर मेरी हमदम तो उससे सिर्फ इतना कह देन
बिना तेरे मोहब्बत के वो पागल जी नहीं सकता
जो दिलो में शिकवे और जुबान पर शिकायते कम रखते है
वो लोग हर रिश्ता निभाने का दम रखते हैं
इंसान की फितरत को समझते हैं ये परिंदे,
कितनी भी मोहब्बत से बुलाना मगर पास नहीं आयेंगे..
कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है.... सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया करती है....!!
नही रहता कोई शख़्स अधूरा किसी के भी बिना
वक़्त गुज़र ही जाता है कुछ खोकर भी कुछ पाकर भी
"कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है ... आज़माइशों के बाद".!!!
मेरी यादो की शुरुआत ही तुम से होती है दोस्तों
तूम ये न कहा करो की मुझे दुआओ में याद रखना
एक दूसरे से बिछड़ के हम कितने रंगीले हो गये,
मेरी आँखें लाल गो गई और तेरे हाथ पीले हो गए...!!💞
तेरी यादें भी न मेरे बचपन के खिलौने जैसी हैं; तन्हा होता हूँ तो इन्हें लेकर बैठ जाता हूँ।
माँ और घरवाली में सबसे बड़ा फर्क
माँ "बोलना" सिखाती है
और घरवाली "चुप" रहना
😂😂😷😂😂
लोग बेवजह ढूँढते हैँ खुदखुशी के तरीके हजार;
.
इश्क करके क्यों नहीँ देख लेते वो एक बार।
उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह कहा था अलविदा
आज भी वही खड़ा है दिल उसके आने के इंतज़ार में..!!
आज मेने कहा उसको आँखे बन्द कर देख लो न
मुझे उसने कह
दिया मुझे तुम्हारा चेहरा याद नहीं....
मेरे नजदिक आकर देख मेरे एहसास की शिद्दत
मेरा दिल कितना धड़कता है सिर्फ तेरा नाम लेने से