ना जाने वो कौन तेरा हबीब होगा; तेरे हाथों में जिसका नसीब होगा; कोई तुम्हें चाहे ये कोई बड़ी बात नहीं; लेकिन तुम जिसको चाहो वो खुश नसीब होगा!

यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिन; ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे; बंदगी तो खुदा की भी करते थे लेकिन; ना जाने क्यों हम काफ़िर बन बैठे।

दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई; दोनों को इक अदा में रजामंद कर गई; शक हो गया है सीना ख़ुशी लज्जते-फ़िराक; तकलीफे-पर्दादारी-ए-ज़ख्म-जिगर गई!

ना दिल से होता है ना दिमाग से होता है; ये प्यार तो इत्तेफ़ाक़ से होता है; पर प्यार करके प्यार ही मिले; ये इत्तेफ़ाक़ भी किसी-किसी के साथ होता है।

जो जितना दूर होता है नज़रो से उतना ही वो दिल के पास होता है
मुस्किल से भी जिसकी एक ज़लक देखने को ना मिले वही ज़िंदगी मे सबसे ख़ास होता है

न हम कुछ कह पाते हैं न वो कुछ कह पाते हैं; एक दूसरे को देखकर गुजर जाया करते हैं; कब तक चलता रहेगा ये सिलसिला; ये सोचकर दिन गुजर जाया करते हैं।

इश्क़ का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करूँ; आप भूल भी जाओ तो मैं हर पल याद करूँ; इस इश्क़ ने बस इतना सिखाया है मुझे; कि खुद से पहले आपके लिए दुआ करूँ।

न आज लुत्फ़ कर इतना कि कल गुज़र न सके; वह रात जो कि तेरे गेसुओं की रात नहीं; यह आरजू भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम; विसाले यार फकत आरजू की बात नहीं।

महक होती तो तितलियाँ जरूर आती,
कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती,
कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है,
मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती..!!

दो कदम चलने के लिए साथ माँगा है; बस पल दो पल के लिए प्यार माँगा है; हम समझते हैं उसकी मज़बूरियों को; इसलिए उसे उसकी मज़बूरियों के साथ माँगा है।

दिल को था आपका बेसबरी से इंतजार! पलके भी थी आपकी एक झलक को बेकरार! आपके आने से आयी है कुछ ऐसी बहार! कि दिल बस मांगे आपके लिये खुशियाँ बेशुमार!

आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते; होंठों से हम कुछ कह नहीं सकते; कैसे बयाँ करें हम यह हाल-ए-दिल आपको; कि तुम्हीं हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते।

जिंदगी जीता हुँ खुली किताब की तरह ना कोई फरेब ना कोई लालच
मगर मे हर बाजी खेलता हूँ बीना देखे क्योंकि ना मुझे हारने का गम ना जीतने का जश्न

सीने में दिल तो हर एक के होता है; लेकिन हर एक दिल में प्यार नहीं होता; प्यार करने के लिए तो दिल होता है; दिल में छुपाने के लिए प्यार नहीं होता।

जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ; मेरी आंखें एक दस्तक दे देती हैं; दुःख ये नहीं वो दरवाजा बंद कर देते हैं; खुशी ये है वो मुझे अब भी पहचान लेते हैं!