होठों पर मोहब्बत के फ़साने नहीं आते; साहिल पर समंदर के खजाने नहीं आते; पलकें भी चमक उठती हैं सोते हुए हमारी; आँखों को अभी ख्वाब छुपाने नहीं आते।
होठों पर मोहब्बत के फ़साने नहीं आते; साहिल पर समंदर के खजाने नहीं आते; पलकें भी चमक उठती हैं सोते हुए हमारी; आँखों को अभी ख्वाब छुपाने नहीं आते।
ये दिल भुलाता नहीं है मोहब्बतें उसकी; पड़ी हुई थी मुझे कितनी आदतें उसकी; ये मेरा सारा सफर उसकी खुशबू में कटा; मुझे तो राह दिखाती थी चाहतें उसकी।
वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो; मेरी उम्मीद ठुकरा कर इंकार ना किया करो; तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ खो बैठे; जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो।
रिश्तों का धागा इतना कच्चा नहीं होता; किसी का दिल तोड़ना अच्छा नहीं होता; प्यार तो दिल की आवाज़ है; कौन कहता है एक तरफ़ का प्यार सच्चा नहीं होता।
तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ; ज़िंदगी अपनी तेरी चाहत में सवार लूँ; मुलाक़ात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी; सारी उम्र बस एक मुलाक़ात में गुज़ार लूँ।
ऊपर से गुस्सा दिल से प्यार करते हो; नज़रें चुराते हो दिल बेक़रार करते हो; लाख़ छुपाओ दुनिया से मुझे ख़बर है; तुम मुझे ख़ुद से भी ज्यादा प्यार करते हो।
रुलाना हर किसी को आता है;हँसाना भी हर किसी को आता है;रुला के जो मना ले वो सच्चा यार है;और जो रुला के खुद भी रो पड़े वही सच्चा प्यार है।
छुपा लूंगा तुझे इस तरह से मेरी बाहों में; हवा भी गुज़रने के लिए इज़ाज़त मांगे; हो जाऊं तेरे इश्क़ में मदहोश इस तरह; कि होश भी वापस आने के इज़ाज़त मांगे।
कोई तीर जैसे जिगर के पार हुआ है; जाने क्यों दिल इतना बेक़रार हुआ है; पहले कभी देखा न मैंने तुम्हें; फिर भी क्यों ऐ अजनबी इस कदर तुमसे प्यार हुआ है।
जब से तूने मुझे दीवाना बना रखा है; संग हर शख्स ने हाथों में उठा रखा है; उसके दिल पर भी कड़ी इश्क में गुजरी होगी; नाम जिसने भी मोहब्बत का सज़ा रखा है!
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं; दूर वो मुझसे हैं पर मैं खफा नहीं; मालूम है अब भी वो प्यार करते हैं मुझसे; वो थोड़ा सा जिद्दी है मगर बेवफा नहीं!
तेरे ही क़दमों में मरना भी और जीना भी; कि तेरा प्यार है दरिया भी और सफ़ीना भी; मेरी नज़र में तो अब सब बराबर हैं; मेरे लिए तो तू ही है काशी तू ही मदीना भी।
बगैर जाने-पहचाने इक़रार ना कीजिये; मुस्कुरा कर यूँ दिलों को बेक़रार ना कीजिये; फूल भी दे जाते हैं ज़ख़्म गहरे कभी-कभी; हर फूल पर यूँ ऐतबार ना कीजिये।
देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं; दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं; नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से हो कर; फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं।
देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं; दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं; नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से हो कर; फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं।