चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं; मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते हैं; बच के रहना इन हुस्न वालों से यारो; इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं।

आँखों में चाहत दिल में कशिश है; फिर क्यों ना जाने मुलाकात में बंदिश है; मोहब्बत है हम दोनों को एक-दूसरे से; फिर भी दिलों में ना जाने यह रंजिश क्यों है।

कब उनके लबों से इज़हार होगा; दिल के किसी कोने में हमारे लिए भी प्यार होगा; गुज़र रही हैं अब तो यह रातें बस इसी सोच में; कि शायद उनको भी हमारा इंतज़ार होगा।

माना आज उन्हें हमारा कोई ख़याल नहीं; जवाब देने को हम राज़ी है पर कोई सवाल नहीं! पूछो उनके दिल से क्या हम उनके यार नहीं; क्या हमसे मिलने को वो बेकरार नहीं!

इश्क़ में कोई खोज नहीं होती; यह हर किसी से हर रोज नहीं होती; अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को बेवजह मत समझना; क्योंकि पलकें कभी आँखों पर बोझ नहीं होती।

तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है; एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है; यूँ तो नींद नहीं आती हमें रात भर; मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना ही इश्क़ है।

कौन कहता है मोहब्बत की ज़ुबान होती है; होंठों के बिना खुले ही हक़ीक़त बयां होती है; इश्क़ वो खुदायी है मेरे दोस्त जो लफ़्ज़ों से नहीं आँखों से बयां होती है।

तुम को तो जान से प्यारा बना लिया; दिल को सुकून आँख का तारा का बना लिया; अब तुम साथ दो या ना दो तुम्हारी मर्ज़ी; हम ने तो तुम्हें ज़िन्दगी का सहारा बना लिया।

फिर न सिमटेगी मोहब्बत जो बिखर जायेगी; ज़िंदगी ज़ुल्फ़ नहीं जो फिर संवर जायेगी; थाम लो हाथ उसका जो प्यार करे तुमसे; ये ज़िंदगी ठहरेगी नहीं जो गुज़र जायेगी।

तू ही मिल जाये मुझे ये ही काफ़ी है; मेरी हर साँस ने बस यही दुआ माँगी है; जाने क्यों दिल खींचा जाता है तेरी तरफ़; क्या तुमने भी मुझे पाने की कोई दुआ माँगी है।

दो बातें उनसे की तो दिल का दर्द खो गया; लोगों ने हमसे पूछा कि तुम्हें क्या हो गया; बेकरार आँखों से सिर्फ हँस के रह गए; ये भी ना कह सके कि हमें प्यार हो गया।

ऐसा जगाया आपने कि अब तक ना सो सके; यूँ रुलाया आपने कि महफ़िल में हम ना रो सके; ना जाने क्या बात है आप में सनम; माना है जबसे तुम्हें अपना किसी के ना हम हो सके।

आपसे दूर भला हम कैसे रह पाते; दिल से आपको कैसे भुला पाते; काश कि आप इस दिल के अलावा आईने में भी रहते; देखते जब आइना खुद को देखने को तो वहाँ भी आप ही नज़र आते।

मेरी चाहत को अपनी मोहब्बत बना के देख; मेरी हँसी को अपने होंठो पे सज़ा के देख; ये मोहब्बत तो हसीन तोहफा है एक; कभी मोहब्बत को मोहब्बत की तरह निभा कर तो देख।

कच्ची दीवार हूँ ठोकर ना लगाना मुझे; अपनी नज़रों में बसा कर ना गिराना मुझे; तुम को आँखों में तसावुर की तरह रखता हूँ; दिल में धड़कन की तरह तुम भी बसाना मुझे।