तुम पुकारो तो एक बार मुझे
मौत की हद से भी लौट अाऊंगा...
तुम पुकारो तो एक बार मुझे
मौत की हद से भी लौट अाऊंगा...
ऐसे जख्मों का क्या करे कोई
जिन्हें मरहम से आग लग जाए
भूख रिश्तों को भी लगती है
प्यार कभी परोस कर तो देखिय
जलने लगा है जमाना सारा
क्योंकी चलने लगा है नाम हमारा
जलने लगा है जमाना सारा
क्योंकी चलने लगा है नाम हमारा
मै उन्हे बदला हुआ दिखता हुँ.....
कभी वो खुद को भी तो देखे ......
खुबसुरत यूहीं नहीं हु मैं
तेरे गम़ का निखार है मुझ पर
सुनो नादान सा दिल है मेरा
जिसे हर कोई बुद्धु बनाता है
हमने समंदर पे राझ किया है
ईसि लिए लोग सङको पे महफुज है
सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो,
मुझे भीअपनी जिद्द बनालो.!!