सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा
जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है
सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा
जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है
न जाने क्योेें कोसते हैं लोग बदसूरती को
बर्बाद तो अक्कर हसीन चहरे किया करते हैं
जा रहा हूं दुनिया से तो कुछ लिख कर
जाते है
.
अपनी हथेली पर माँ लिख कर कब्र में सो
Photo खींचने का शौख नही है मुजे पर क्या करु
मेरी परी को मेरा Photo देखें बीना नींद नहीं आती
तु मिले या न मिले ये मेरे मुकद्दर की बात है
सुकुन बहुत मिलता है तुझे अपना सोचकर
मत पूछ ईमानदारी का हाल इस दुनिया में ऐ ग़ालिब
ईमान बेचकर ईमानदार बनते है लोग यहाँ
हद से बढ चुका है आपका नजर-अंदाज करना,,
ऐसा सलूक ना करो के हम भूलने पर मजबूर
हो जाए...!!
हो जा मेरी कि इतनी मोहब्बत दूँगा तुझे
लोग हसरत करेंगे तेरे जैसा नसीब पाने के लिए
कितनी फिकर है क़ुदरत को मेरे तन्हाई की,
जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिये..
ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब
राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं
गुज़ारिशें थक न जायें कहीं मिन्नते करते करते
कभी तो दुआ की तरह आके तू थाम ले मुझे
तलब करे तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें देदू
मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब मांगते है
सरकार ढूंढ-ढूढ कर सिर्फ काले धन वालो को ही पकड़ रही है
काले मन वाले निश्चिन्त रहें
दिमाग पर ज़ोर लगाकर गिनते हो गलतियां मेरी
कभी दिल पर हाथ रख के पूछना कसूर किसका है
जीत गया तू मैं आखिर हार गई
कई रुख धारें मोडीं ह्रदय में प्रेम की नदिया आखिर सूख गई