वो खुद पर गरूर करते है तो इसमें हैरत की
कोई बात नहीं जिन्हें हम चाहते है वो आम हो ही नहीं सकते
वो खुद पर गरूर करते है तो इसमें हैरत की
कोई बात नहीं जिन्हें हम चाहते है वो आम हो ही नहीं सकते
जरूरत और चाहत में बहुत फ़र्क है
कमबख्त़ इसमे तालमेल बिठाते बिठाते ज़िन्दगी गुज़र जाती है
सुना है प्यार मे कोई रूठे तो उसको शायरी से मनाते है
ना हम कभी रूठे है ना हमको किसी ने मनाया है
नींद उड़ा कर मेरी कहते है वो कि सो जाओ कल बात करेंगे
अब वो ही हमें समझाए कि कल तक हम क्या करेंगे
बेचैन राते बिताकर मैं किश्तें चुका रहा हूँ
उसने एक बार मुस्कुराकर कुछ यूँ कर्ज़दार कर दिया
मेरी तकदीर को बदल देंगे मेरे बुलंद इरादे
मेरी किस्मत नहीं मोहताज मेरे हाँथों की लकीरों की
पैसा कमाने के लिए इतना वक़्त खर्चा
ना करो कि
.
..
पैसा खर्च करने के लिए वक़्त ही ना
मिले।
नजर झुका के बात कर पगली जीतने तेरे पास कपडे नही होन्गे
उतने तो मे रोज लफडे करता हुं
मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती....,
अपना वजूद भूलाना पडता है,
किसी को अपना बनाने के लिए...।
बडे अजीब है इस दुनिया में लोग...
ये ऊपरवाले को तो एक मानते हैं,
लेकिन ऊपरवाले कि एक नही मानते !!!
न लफ़्ज़ों का लहू निकलता है न किताबें बोल पाती हैं
मेरे दर्द के थे दो गवाह दोनों बे-जुबान निकले
वो बोली मेरा भाई बहुत बड़ा Badmash है
मैं बोला अपने भाई से कह दे की तेरी टक्कर का जीजा मिल गया है
हम उनसे तो लड़ सकते हैं जो खुले आम दुश्मनी रखते हैं
पर उनका क्या करें जो साथ रहकर वार करते हैं
शरीफ थे इतने कि कभी कमीज के बटन तक नहीं खोले
मगर ये बिजली बोर्ड वालों ने तो सनी लियोन बना दिया
वक्त का तकाजा हर फर्ज़ को मजबूर करता है
वरना कौन पिता अपनी चाँद सी बेटी को अपने से दूर करता है