हर अश्क का मतलब गम नहीं होता दूरियां बढ़ने से प्यार कम नहीं होता
वक्त बेवक्त हो जाती हैं आंखे नम क्योंकि यादों का कोई मोसम नहीं होता

दामाद उम्र में छोटा होता है फिरभी ससुराल मे सभी उसे आप कहके बुलाते है
क्योंकि हमारे देश मे शहीदों का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है

मैंने दिल को लाख समझाया की ऐ दिल उनको याद करना छोड़ दे
पर दिल के हर कोने से आवाज़ आई,यहाँ तो हर सांस में वो बसे है तो क्या सांस लेना छोड़ दे...

पानी का एक कतरा आंख से गिरा अभी-अभी
क्या तुमने मुझे याद किया अभी-अभी
तुझसे मिले जमाना हुआ मगर यूं लगा
कोई मुझसे मिलके गया अभी-अभी

एय मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर
उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ
एय हवा तू भी उसे छुवा ना कर

एय मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर
उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ
एय हवा तू भी उसे छुवा ना कर

शायर वो नही जो कलम उठा लिया करते है
शायर वो भी नही जो तारीफो पे जीया करते है
शायर तो वो शक्स होते है
जो दर्द को भी तडपा दिये करते हैं

काश वो पल संग बिताए न होते
जिनको याद कर के ये आँसू आये ना होते
खुदा को अगर इस तरह दूर ले जाना ही था
तो इतनी गहराई से दिल मिलाए ना होते

आसमां में मत ढूँढ अपने सपनों को
सपनों के लिए तो ज़मीं जरूरी है
सब कुछ मिल जाये तो जीने का क्या मजा
जीने के लिए कुछ कमी भी तो जरूरी है..

अगर किसी ‪#‎दिन‬ ‪#‎रोना‬ ‪#‎आये‬ ,
तो ‪#‎कॉल‬ ‪#‎करना‬ ,
‪#‎हसाने‬ की ‪#‎गारंटी‬ नही ‪#‎देता‬ हूँ ,
पर ‪#‎तेरे‬ ‪#‎साथ‬ ‪#‎रोऊंगा‬ जरुर !!!🙏🙏

ना बोतल में ना जार में ना होटल में ना बार में
ना बाइक पे ना कार में
ना कोलेज में ना बाजार में
अब तो दिन गुजरते हैं आपके SMS के इंतजार में

बेताब से रहते हे तेरी याद मे अक्सर रात भर नही सोते तेरी याद मे अक्सर
जिस्म मे दर्द का बहाना सा बना के हम टूट के रोते हे तेरी याद मे अक्सर

मैंने रब से कहा वो छोड़ के चली गई;
पता नहीं उसकी क्या मजबूरी थी;
रब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं;
यह कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।

वो पगली आज बरसो बाद मिली तो गले लगकर खूब रोई में हल्का सा मुस्कुराया
और बोला तुम वही होना जिसने कहा था तुम्हारे जैसे तो हजारो मिलेंगे

जब मुल्ला को मस्जिद में राम नजर आए
जब पंडित को मंदिर में रहमान नजर आए
सुरत ही बदल जाए इस दुनिया की गर
इंसान को इंसान में इंसान नजर आए