बचपन में पिताजी के बटुए में हमेशा मेरी जरूरतों से ज्यादा पैसे रहते थे
ये कारनामा मैं कभी अपने बटुए से नहीं दिखा पाया

जिस चेहरे को देख कर हसते थे हम.... आज उसी ने
रुला दिया.. खुद ने तो फोन किया नहीँ... हमने
किया तो . . . . . कौलर ट्युन "तुझे भुला दिया"

रातें गुमनाम होती है दिन किसि के नाम होता है
हम ज़िंदगी कुछ इस तरह जीते है की हर लम्हा सिर्फ़ दोस्तों के ही नाम होता है

यूं मेरी मजबूरियो को मेरी बदकिस्मती मत समझना
क्योंकि हम उन राहो से भी गुजरे है जहां किस्मत तो क्या साया भी साथ नहीं देता

सड़क पर बारात चल रही हो और सामने से बस आ जाये तो
बारात में से 15 लोग तुरुन्त ट्रैफिक पुलिस के हवलदार की भूमिका में आ जाते हैं

एक बात सुन पगली आऊंगा तेरी गली में ही चाहे देर क्यों ना हो जाए लेकिन
मोहब्बततो तुझी से करुंगा फिर चाहे जेल क्यों ना हो जाए

रानी की ख्वाइश पूरी करने की भी बादशाह की एक हद होती है
अपनी रानी पर सबकुछ लूटा दे तो वो बादशाह नहीं बेगम का गुलाम कहलाता है

वो मिल जाते हैं कहानी बन कर दिल मे बस जाते हैं निशानी बन कर
जिन्हें हम रखते हैं अपनी आखों मे क्यू निकल जाते हैं वो पानी बनकर

हमे क्या पता था की मोहब्बत की राहों में गम ही गम मिलते हैं
ऐ सनम अगर हमे पता होता तो हम यु अपनी ज़िन्दगी तुम्हारे नाम न करते

कहते है ऊपर वाले ने हर किसी
के लिए किसी न किसी को बनाया है..
कही मेरे वाली ने आत्महत्या तो
नहीं करली…” “
मिलही नहीं रही...

पूछ रही थी वो कल मुझसे:- क्या तुम मुझे याद करते हो
मुस्कराकर मैं बोला:-पागल याद करना इतना आसान होता तो
School में टॉप ना कर लेते हम

हमारी किसी बात से खफा मत होना, नादानी से हमारी नाराज़ मत होना. पहली बार चाहा है हमने किसी को इतना, चाह कर भी कभी हमसे दूर मत होना..

जब आप किसी से रूठ कर नफ़रत से बात करो
और फिर भी वो उसका जवाब मोहब्बत से दे
तो समझ जाना की वो आपको खुद से ज़्यादा प्यार करता है

इश्क़ पाने की तमन्ना में कभी कभी ज़िंदगी खिलौना बन कर रह जाती है
जिसके दिल में रहना चाहते हैं वो सूरत सिर्फ याद बन कर रह जाती है

इन्सान घर बदलता है लिबास बदलता है
रिश्ते बदलता है दोस्त बदलता है
फिर भी परेशान क्यों रहेता है क्योकि वो खुद को नहीं बदलता